
'पीठ पीछे होने वाले समझौते स्वीकार नहीं', जेलेंस्की की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को दो टूक
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यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने म्यूनिख समिट में स्पष्ट किया कि वे पीठ पीछे किए गए शांति समझौतों को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने यूरोप से अपनी सुरक्षा के लिए एक संयुक्त सेना बनाने की भी अपील की. उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है जब पुतिन और ट्रंप आने वाले समय में मिलने वाले हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका के सामने स्पष्ट कर दिया है कि उनके पीठ पीछे में बनाए गए शांति समझौते को वे स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने यह बात म्युनिख समिट में कही, जहां अमेरिका के उप राष्ट्रपति ने भी शिरकत की थी. जेलेंस्की ने यूरोप से भी अपनी सुरक्षा के लिए अपनी खुद की सेना बनाने की भी अपील की. उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई अलग-अलग चेतावनियों के बाद आया है.
यू्क्रेनी राष्ट्रपति ने यूरोप की अपनी सेना बनाने को लेकर कहा कि सिर्फ यूक्रेन की सेना इस काम के लिए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा, "यूक्रेन हमारी पीठ पीछे किए गए सौदों को कभी स्वीकार नहीं करेगा, और यही नियम सभी यूरोपीय देशों पर लागू होना चाहिए."
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ट्रंप ने पुतिन से की थी फोन पर बात
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ युद्ध खत्म करने को लेकर फोन पर बातचीत की है. यह बातचीत रूस के फरवरी 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर हमले के बाद पहली बार थी. ट्रंप और पुतिन की आगामी संभावित बैठक को लेकर यूरोप और अमेरिका के सहयोगियों में चिंता बढ़ रही है, जहां यूक्रेन युद्ध की समाप्ती पर चर्चा की जाएगी.
पुतिन ट्रंप को बुला सकते हैं रूस

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







