
नीतू चंद्रा को राजनीतिक बातें करना पड़ा भारी, चुनाव आयोग ने एक्ट्रेस को स्वीप आइकॉन पद से हटाया
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चुनाव आयोग ने एक्ट्रेस नीतू चंद्रा को राज्य स्तरीय स्वीप आइकॉन बनाया था. लेकिन उनपर आरोप लगाते हुए उन्होंने एक्ट्रेस को बतौर ब्रांड एंबेस्डर हटा दिया है. दरअसल, नीतू ने मीडिया चैनल पर जाकर राजनीतिक बातें कीं, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें पद से हटाया.
बिहार विधानसभा चुनाव निपट चुका है. इसके बाद के अपडेट्स भी लगातार सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं. लेटेस्ट अपडेट्स को देखें तो चुनाव आयोग ने एक्ट्रेस नीतू चंद्रा को बिहार चुनाव में ब्रांड एंबेस्डर की भूमिका से हटा दिया है. इसके पीछे की वजह भी सामने निकलकर आई है.
क्या है मामला? दरअसल, नीतू चंद्रा पर आरोप है कि चुनाव आयोग की ब्रांड एंबेस्डर रहते हुए उन्होंने मीडिया चैनल पर जाकर राजनीतिक बातें कीं और अपनी बात रखी जो कि चुनाव आयोग के साथ उनके कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन है. बिहार चुनाव से कुछ महीने पहले बिहार निर्वाचन आयोग ने नीतू चंद्रा को राज्य स्तरीय स्वीप आइकॉन बनाया था.
कौन हैं नीतू चंद्रा? नीतू चंद्रा, एक्ट्रेस, मॉडल और फिल्म निर्माता हैं. इन्होंने थियटर भी किया है. नीतू चंद्रा का जन्म 20 जून 1984 को पटना , बिहार में हुआ था. साल 2005 में नीतू ने फिल्म 'गरम मसाला' से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था. इसके बाद साल 2006 में नीतू तेलुगू फिल्म 'गोदावरी' में नजर आई थीं. इनकी फिल्मी करियर कुछ खास लंबा नहीं चला. साल 2007 में नीतू ने डायरेक्टर मधुर भंडारकर की फिल्म 'ट्रैफिक सिग्नल' में काम किया था. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में नीतू की आखिरी फिल्म 'कुछ लव जैसा' रही.
नीतू हिंदी सिनेमा में कुछ खास दमखम नहीं दिखा पाईं. लेकिन साउथ इंडस्ट्री में ये आजतक एक्टिव हैं. वहां की फिल्में कर रही हैं. कन्नड़ के अलावा भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में भी नीतू काफी नाम कमा रही हैं.
बिहार के चुनावी रण में इस बार NDA ने जीत दर्ज की है. एनडीए की ऐतिहासिक जीत केवल सीटों तक सीमित नहीं रही, बल्कि वोट शेयर में भी यह बढ़त साफ दिखाई दी. BJP और JDU ने लगभग 101-101 सीटों में दावेदारी की थी. 15 साल बाद NDA ने सीटों के लिहाज से दोहरा शतक लगाते हुए प्रचंड बहुमत हासिल किया है.
गठबंधन ने कुल 202 सीटें हासिल कीं, जो पिछले चुनाव की तुलना में 80 सीटों की बड़ी बढ़त है. वोट शेयर भी बढ़कर 47% पहुंच गया. BJP और JDU ने लगभग 101-101 सीटों में दावेदारी की थी. वहीं महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है. राज्य में हुई ऐतिहासिक वोटिंग से बिहार के लोगों ने इस बार एनडीए को मेगा मंडेट देते हुए गर्दा उड़ा दिया.

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