
'दो देशों की बैठक में चीन का नाम लेना...' मोदी-ट्रंप की मुलाकात पर तिलमिलाया बीजिंग
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चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को मोदी और ट्रंप की इस बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी को भी अपने द्विपक्षीय संबंधों में चीन को मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और उनके सहयोग से किसी अन्य देश के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर थे. राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी कई मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा हुई. इस मुलाकात के दौरान चीन का भी जिक्र हुआ. अब ट्रंप और मोदी की इस मुलाकात पर चीन की भी बयान सामने आया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को मोदी और ट्रंप की इस बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी को भी अपने द्विपक्षीय संबंधों में चीन को मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और उनके सहयोग से किसी अन्य देश के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति और मोदी के बीच वाशिंगटन में हुई बैठक के दौरान रक्षा सहयोग पर काफी विस्तृत चर्चा हुई थी. जिसके बाद चीन को लेकर तमाम तरह की अटकलें भी चल रही हैं. वहीं, वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में, दोनों नेताओं ने दोहराया कि अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ साझेदारी एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए अहम है और अन्य मुद्दों के बीच क्वाड साझेदारी को मजबूत करने को लेकर बातचीत की.
चीन ने दी ये प्रतिक्रिया
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि द्विपक्षीय सहयोग में तीसरे देशों को लक्षित नहीं करना चाहिए. रक्षा सहयोग को मजबूत करने के अलावा भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने की ट्रंप की पेशकश पर एक सवाल पर गुओ ने कहा, 'किसी को भी देशों के बीच संबंधों और सहयोग में चीन को मुद्दा नहीं बनाना चाहिए या गुट की राजनीति और टकराव को भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने कहा, चीन का मानना है कि देशों के बीच संबंध और सहयोग किसी तीसरे पक्ष को लक्षित नहीं करना चाहिए या दूसरों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अनुकूल होना चाहिए.
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चीन के सवाल पर क्या बोले थे ट्रंप

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