
'दोगली हो', मर्यादा भूली कश्मीरी हसीना, 21 साल की अशनूर को किया टारगेट, परवरिश पर उठाए सवाल
AajTak
बिग बॉस कंटेस्टेंट फरहाना की बदतमीजियां बढ़ती ही जा रही हैं. वो हर एपिसोड में कभी अशनूर के लिए तो कभी कुनिका के लिए भद्दी भाषा का इस्तेमाल करती दिख रही हैं. फरहाना ने पहले अशनूर को छिपकली कहा था और अब उन्होंने एक्ट्रेस को दोगला बताया है. उनकी परवरिश पर भी सवाल उठाए हैं.
बिग बॉस में हर दिन एक नया भूचाल आ रहा है. घर की लड़कियां एक दूसरे से भिड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं. तान्या मित्तल और नेहल की हाईवोल्टेज लड़ाई के बाद अब फरहाना और अशनूर कौर के बीच कैटफाइट हो गई है. आखिर वजह क्या है? आइए बताते हैं...
अशनूर से भिड़ीं फरहाना
दरअसल, बिग बॉस ने घर की कैप्टन फरहाना को एक टास्क दिया था. बिग बॉस ने फरहाना को बताया कि घरवालों ने उन्हें डायन, चुड़ैल और नागिन का टैग दिया है. बिग बॉस ने फरहाना को मौका दिया कि वो घरवालों को उनकी लायकता देखकर उन्हें 1 से 10 के बीच रैंक करें.
इस दौरान फरहाना ने अशनूर को टारगेट किया. उन्हें हिपोक्रेट यानी दोगला बताया. फरहाना ने अशनूर को फेक भी बताया. इसके जवाब में अशनूर ने फरहाना से कहा- सबसे बड़ी दोगली आप खुद हैं. फरहाना इसपर बोलीं- आपको मुझे जज करना है तो आप शौक से करिए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.
अशनूर की परवरिश पर उठाए सवाल
इतना ही नहीं फरहाना, अशनूर की परवरिश पर भी सवाल उठाती नजर आईं. परवरिश की बात होने पर अशनूर का भी गुस्सा फूट पड़ता है. वो चिल्लाते हुए गुस्से से कहती हैं- परवरिश पर तो जाना ही मत. मुझे पता है मैं फेक नहीं हूं.

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










