
चीन के इस कदम ने दुनिया भर में मचा दी हलचल, भारत ने साधी चुप्पी
AajTak
सऊदी और ईरान के बीच शांति समझौते ने मध्य-पूर्व में चीन का कद बढ़ा दिया है. चीन अब अमेरिका और रूस को पछाड़कर वैश्विक मध्यस्थ के रूप में उभर रहा है. अमेरिका और सऊदी अरब के डगमगाते रिश्ते और ईरान-अमेरिका की दुश्मनी ने मध्य-पूर्व में पैर जमाने में चीन की बड़ी मदद की है.
इस महीने एक ऐतिहासिक घटना घटी जब चीन की मध्यस्थता से ईरान और सऊदी अरब के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. इस समझौते ने दुनिया को चौंका दिया. यह एक ऐसा समझौता है जो चीन को पश्चिम एशिया में एक अग्रणी भूमिका में ला सकता है. यही स्थिति एक वक्त अमेरिका के पास थी लेकिन अब पासा पलट गया है.
लेकिन, बात सिर्फ मध्य-पूर्व के देशों की नहीं है, बल्कि दुनिया से दूसरे हिस्सों के देश भी चीन की तरफ मुड़ रहे हैं. यह उन देशों के लिए चिंता की बात है जो चीन के क्षेत्रीय दावों और बढ़ती आक्रामकता से परेशान हैं.
10 मार्च के सऊदी और ईरान के बीच हुए समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों ने दो महीने के भीतर संबंधों को फिर से स्थापित करने और दूतावासों को फिर से खोलने का फैसला किया. बीजिंग में चार दिनों की बातचीत के बाद शांति समझौते की घोषणा की गई.
चीनी राष्ट्रपति के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करने के साथ ही शी जिनपिंग ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि ईरान और सऊदी अरब को एक टेबल पर लाया जा सके. उन्होंने चीन की ऊर्जा आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण खाड़ी के तेल समृद्ध अरब देशों के साथ बैठकों के लिए दिसंबर में सऊदी की राजधानी रियाद का दौरा किया और फरवरी में राजधानी बीजिंग में ईरानी राष्ट्रपति की मेजबानी भी की.
क्या चीन ईरान-सऊदी तनाव का स्थायी समाधान खोज पाएगा?
21वीं सदी की शुरुआत के बाद से चीन ने मध्य-पूर्व में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाना शुरू किया और अब भी इसका विस्तार जारी है. सवाल ये भी उठाए जा रहे हैं कि क्या चीन ईरान-सऊदी तनाव का स्थायी समाधान खोजने में सफल हो पाएगा? या यह समझौता अल्पकालिक होगा और इस समझौते का मतलब क्या है?

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







