
क्या पाकिस्तान में फिर होने जा रहा सत्ता परिवर्तन? इमरान खान से बातचीत को तैयार बिलावल भुट्टो
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पाकिस्तान में माना जा रहा है कि राजनीतिक अस्थिरता पनप रही है. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बीते दिनों एक बयान के बाद अब पीपीपी की तरफ से कहा जा रहा है कि वे इमरान खान से बातचीत करने को तैयार हैं. आसिफ जरदारी ने बीते दिनों कहा था कि वह जानते हैं कि सरकार कैसे बनाई और गिराई जाती है.
पाकिस्तान में माना जा रहा है कि एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता पनप रही है. शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार डगमगाती नजर आ रही है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की सहयोगी पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी (पीपीपी) की तरफ से कहा जा रहा है कि वे इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के साथ संपर्क में हैं.
पीपीपी की तरफ से ऐसा बयान तब आया है, जब हाल ही में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपने एक बयान में कहा था कि उन्हें पता है कि सरकार कैसे बनाई और गिराई जाती है. पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी का कहना है कि अगर इमरान खान बातचीत के लिए तैयार हैं, तो वे बातचीत करना चाहेंगे. पार्टी नेता खुर्शीद शाह ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी हमेशा बातचीत से समस्याओं को हल किया करते हैं.
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पीएमएल-एन सरकार की सहयोगी है पीपीपी
बातचीत की यह पहल मौजूदा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार के प्रति इमरान खान के सख्त विरोध की वजह से पैदा हुई है. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के साथ गठबंधन में पीपीपी मौजूदा समय में पीएमएल-एन की सहयोगी है. 8 फरवरी के चुनाव के बाद पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच करार हुआ था और शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार का गठन किया गया था.
2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से, पीटीआई ने पीपीपी-पीएमएल-एन गठबंधन सरकार का पुरजोर विरोध किया है. अगर देखा जाए तो पीटीआई मौजूदा सरकार के साथ बातचीत के पक्ष में नहीं रही है, जिसने शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार को 'फॉर्म-47 सरकार' करार दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि 8 फरवरी के चुनाव में पीटीआई के नेताओं ने जीत का 'फॉर्म-47' नहीं दिए जाने और वोटों की गिनती में हेरफेर किए जाने का दावा किया था.

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