
कैसे BB के लिए चुने जाते हैं कंटेस्टेंट्स, क्या शो होता है स्क्रिप्टेड? मेकर्स ने पहली बार बताया सच
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फैन्स के बीच सलमान खान का शो 'बिग बॉस 19' काफी चर्चा में आया हुआ है. इसमें मौजूद हर कंटेस्टेंट फिनाले में जाने की रेस में लगा है. लास्ट एविक्श नेहल और बसीर का हुआ. जिसके बाद शो के मेकर्स पर सवाल उठने लगे कि ये गेम फिक्स्ड है. हाल ही में इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में शो के प्रोड्यूसर ऋषि नेगी ने इसपर चुप्पी तोड़ी.
'बिग बॉस' शो है. इसमें अगर बहसबाजी और कॉन्ट्रोवर्सी न हो, ऐसा कैसे हो सकता है? फैन्स भी शो के फॉर्मैट और स्क्रिप्ट को लेकर सवाल खड़े करते हैं. और ये इसी साल नहीं, बल्कि हर साल देखा जाता है. उन्हें लगता है कि कई बार तो शो का विनर तक फिक्स रहता है. कुछ कंटेस्टेंट्स के लिए ये कहा जाता है कि वो एक निर्धारित समय के लिए शो में लाए गए हैं. उन्हें किसी भी हाल में शो से बाहर नहीं किया जाएगा, क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट में लिखा है.
इस साल ये सारी चर्चाएं मृदुल तिवारी, गौरव खन्ना और कुनिका सदानंद के लिए चल रही हैं. कहा जा रहा है कि तीनों को कॉन्ट्रैक्ट के भरोसे एक निर्धारित समय के लिए शो में एंटर करवाया गया है. इंडिया टुडे संग बातचीत में शो के प्रोड्यूसर ऋषि नेगी ने इस मुद्दे पर बात की. बताया कि किस तरह शो के लिए कंटेस्टेंट्स कास्ट किए जाते हैं, पूरा क्राइटीरिया बताया.
शो के प्रोड्यूसर ने बताया सच ऋषि नेगी ने कहा- शो में किसी भी तरह की एमजी (मिनीमम गारंटी) नहीं होती है. हर वीक कंटेस्टेंट्स को पैसे मिलते हैं. अगर आप किसी गारंटी पर आते भी हैं तो आपके तो दिमाग में यही रहेगा कि आपको घर में कुछ करना नहीं है और आप ये सोचकर चलोगे कि मैं तो सेफ हूं. हम किसी भी कंटेस्टेंट को इस तरह कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर नहीं लेकर आते हैं.
सीजन सक्सेसफुल रहे, ये हम सुनिश्चित करते हैं. ऐसे में हम कास्टिंग को सही रखते हैं. क्योंकि हम जानते हैं कि ये शो इंडिया का सबसे ज्यादा देखे जाने वाला शो है. शो करीब 105 दिन तो चलता ही है. और ऑडियन्स का मनोरंजन करते रहना हमारी जिम्मेदारी होती है. सच कहूं तो हम लोग करीब 6 महीने तक कंटेस्टेंट्स को ढूंढते हैं. देश, दुनिया में मौजूद कई लोग और सेलेब्स से मिलते हैं. शायद टीम इस बार करीब 500 लोगों से मिली.
कई बार हम लोगों को देश में कई जगह पर ट्रैवल भी करना पड़ता है, लोगों से मिलने के लिए. टीम की जरूरत होती है 'किरदार' को ढूंढना, न की नाम पर जाना. कई लोगों का सोचना है या मानना भी है कि हम कॉन्ट्रोवर्सी के बेसिस पर कास्टिंग करते हैं. इस साल मुझे नहीं लगता कि एक भी कंटेस्टेंट कॉन्ट्रोवर्शियल है. काफी सारे मजेदार किरदार हैं जो घर के अंदर बंद हैं, सभी लोग, नेचर में अलग हैं, उनका अप्रोच अलग है, उनकी भाषा अलग है, उनकी जिंदगी अलग रही है और यही मजे की बात भी है. जब एक ही जगह अलग-अलग तरह के लोग एक साथ रहते हैं तो आपको कॉन्टेंट मिलता है. और यही हो भी रहा है.
कैसे होती है कास्टिंग? शो की टीम 'बिग बॉस' के लिए किसी को कास्ट करने के लिए या तो उस इंसान से मिलती है या फिर वीडियो कॉल पर होती है. यही शो का ऑडिशन प्रोसेस भी होता है. पहले लोगों को कॉल की जाती है, उनके बारे में थोड़ा जानने और समझ को लेकर. इसके बाद इनमें से चुने जाते हैं, जिनके साथ डिटेल में बातचीत होती है. सिलेक्शन में करीब 2-3 लेयर होती हैं, जिसमें कंटेस्टेंट को चुना जाता है.

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