केंद्र ने राज्यों पर फोड़ा कोयले की कमी का ठीकरा- ''नहीं रखा पर्याप्त स्टॉक''
The Quint
Coal Shortage; "देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया (Coal India) हर संभव प्रयास कर रहे हैं"; MINISTRY OF COAL AND COAL INDIA ARE MAKING EVERY EFFRT TO MEET NEEDS OF THE COUNTRY
देश में जारी कोयला संकट (Coal Shortage) का ठीकरा केंद्र सरकार ने राज्यों पर फोड़ दिया है. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि राज्यों को पहले ही कोयले का पर्याप्त स्टॉक रखने को कहा गया था. उन्होंने कोल संकट के लिए कोयले की बढ़ी हुई कीमतों को भी जिम्मेदार ठहराया.उन्होंने कहा कि देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया (Coal India) हर संभव प्रयास कर रहे हैं.केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "देश ने सोमवार को घरेलू बाजार में 1.94 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति की जो घरेलू आपूर्ति में एक रिकॉर्ड है. जहां तक राज्यों का संबंध है, इस साल जून तक हमने उनसे कोयले का स्टॉक बढ़ाने का अनुरोध किया था लेकिन कई राज्यों ने आगे कोयला लेने से इनकार कर दिया था".इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "राज्यों की मदद करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. यह सब जानते हैं कि कोयले की कमी है, और राज्य परेशान हैं." ADVERTISEMENTसमाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रह्लाद जोशी ने कहा कि "हम कोयले की आपूर्ति को तेज गति से बढ़ाना जारी रखेंगे. हमें उम्मीद है कि मॉनसून खत्म होने के बाद कोयले की आपूर्ति में तेजी से सुधार होगा." उन्होंने आगे बताया कि "21 अक्टूबर के बाद हम 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति करने की कोशिश करेंगे. हम पूरे देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जरूरत के मुताबिक कोयला उपलब्ध कराया जाएगा."बारिश की वजह से हुई कोयले की कमी- प्रह्लाद जोशीकेंद्रीय मंत्री पह्लाद जोशी ने कहा कि बारिश के कारण कोयले की कमी हो गई है. जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 60 रुपये प्रति टन से 190 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हुई. इंपोर्टेड कोयला पॉवर प्लांट या तो 15-20 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं या बहुत कम उत्पादन कर रहे हैं. इससे घरेलू कोयले की मांग पर दबाव पड़ा है.उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोयले की कमी नहीं हो.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)...