'एक्शन-इमोशन' से भरी है फांसी की सजा पाने वाली शबनम की कहानी, जेल में पैदा बेटे ताज को गोद लेकर पढ़ा रहा एक पत्रकार..
NDTV India
शबनम का बेटा ताज अपने नए घर में खुश है. जेले में बच्चे नहीं थे लेकिन यहां तमाम बच्चे उसके दोस्त हैं. ताज के नए घर में उस्मान ने उससे उसके नाम का एक पेड़ भी लगाया है. ताज हर महीने अपनी मां से मिलने जेल जाता है, वे उसे गला लगाकर चूमती है. ताज कहता है, जब भी जाता हूं तो गले लगती हैं फिर पूछती हैं बेटा कैसे हो?
उत्तर प्रदेश के अमरोहा की जिस शबनम को फांसी होनी है, उसका बच्चा राष्ट्रपति से फांसी की सजा कम करने की अपील कर रहा है. शबनम बिन ब्याहे गर्भवती थी. घरवाले नाराज थे तो उसने मां-बाप, समेत परिवार के सात लोगों का कत्ल कर दिया था. उसने जेल में जिस बच्चे ताज को जन्म दिया था उसे पत्रकार उस्मान सैफी पाल रहे हैं जो शबनम पर किताब लिखने उससे जेल में मिलते थे. सैफी उसे एक नई जिंदगी देना चाहते थे. सैफी कहते हैं कि मां गुनाहगार होगी लेकिन बेटा बहुत मासूम है. ताज की मां ने चाहे जो गुनाह किया हो लेनि बेटा तो हमेशा चाहेगा ही कि उसकी मां हमेशा जिंदा रहे लिहाजा वह उसकी फांसी की सजा में कमी की फरियाद कर रहा है.More Related News