
'ईरान पर हमला ना करे इजरायल वरना भारत को...', सीरिया संकट पर क्या बोले पूर्व राजदूत
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सऊदी अरब में भारत के पूर्व राजदूत तलमीज अहमद ने सीरिया में असद की सत्ता गिरने को इजरायल, तुर्की और अमेरिका की साजिश करार दिया है. उन्होंने दावा किया है कि सीरियाई सैनिकों को पहले ही चेता दिया गया था कि अगर उन्होंने लड़ने की ठानी तो उन पर एयरस्ट्राइक की जाएगी.
सीरिया में दशकों से चले आ रहे असद परिवार के शासन का अंत हो गया है. रविवार को इस्लामिक विद्रोही समूहों ने बशर अल-असद का तख्तापलट कर दिया जिसके बाद उन्हें परिवार समेत रूस भागने को मजबूर होना पड़ा. असद की सत्ता गिरने को सऊदी अरब में भारत के पूर्व राजदूत तलमीज अहमद ने इजरायल, तुर्की और अमेरिका की साजिश करार दिया है.
तलमीज अहमद ने एक इंटरव्यू में कहा, 'अभी तक ऐसी कोई पुख्ता खबर नहीं है लेकिन मेरा मानना है कि यह इजरायल, तुर्की और अमेरिका की मिली-जुली साजिश है. इन सभी देशों के असद को सत्ता से हटाने के अपने-अपने कारण थे. तुर्की असद शासन पर कड़ी नजर बनाए हुए था और उत्तरी सीरिया में कुर्दों पर नजर रखने के लिए सैन्य ताकत भी लगा रखी थी. इजरायल सीरिया से ईरान को हटाना चाहता था. अमेरिका इसे ईरान को भू-राजनीतिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश के रूप में देख रहा था और रूस को सीरिया के तार्तूस बंदरगाह से हटाना चाहता था.'
'द वायर' को दिए एक इंटरव्यू में तलमीज अहमद ने कहा कि सीरिया की सेना ने विद्रोही गुटों के सामने हथियार डाल दिए क्योंकि सेना ने समझ लिया था कि अब हथियार डालने का समय आ गया है, यह लड़ने का समय नहीं है.
पूर्व राजदूत ने इराक का उदाहरण देते हुए कहा, 'आपको याद होगा कि इराक में भी कुछ ऐसा ही हुआ था जब आईएसआईएस के तत्व मूसल शहर में पहुंचे तब 20 हजार इराकी सैनिक अचानक से गायब हो गए. मुझे लगता है कि जब सैनिक देखते हैं कि अपनी जान गंवाने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि वो हार जाएंगे. मुझे यकीन है कि इजरायल और अमेरिका ने सीरियाई सैनिकों को पहले ही चेता दिया होगा कि अगर उन्होंने लड़ने की कोशिश की तो हवाई हमले में मारे जाएंगे जैसा कि इराक में हुआ था.'
असद ने नहीं मानी डील और हो गया तख्तापलट!
तलमीज अहमद ने दावा किया कि उन्हें पूरा यकीन है, असद की सत्ता गिरने के पीछे अमेरिका, इजरायल और तुर्की का ही हाथ है.

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