'इंदू की जवानी' के प्रोड्यूसर रयान स्टीफन की कोरोना से मौत, सदमे में सेलेब्स
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मनोज बाजपेयी ने ट्वीट किया- 'ये हम सबके लिए बेहद शॉकिंग है जिन्हें पता था कि आप एक शालीन व्यक्ति हैं. ये सच नहीं हो सकता! मैं तुम्हें बहुत मिस करूंगा मेरे दोस्त RYAN'.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने अब तक कई लोगों की जान ले ली है. बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं रहा है. कई बॉलीवुड और टीवी सेलेब्स कोरोना की वजह से दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. अब फिल्म इंदू की जवानी के प्रोड्यूसर रयान स्टीफन का कोविड-19 की वजह से निधन हो गया है. उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में मातम पसर गया है. सेलेब्स ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. It’s so so shocking for all of us who knew this gentle soul .It really can’t be true!! I will miss you my friend RYAN ❤️ https://t.co/VDDkCMH6Kb Heartbroken. One of the nicest human beings i’ve ever known 💔🙏🏻 https://t.co/QZbviknDi8 टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ ही दिन पहले रयान कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इलाज के दौरान ही शनिवार को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर सुन बॉलीवुड की समस्त हस्तियों को गहरा झटका लगा है. मनोज बाजपेयी ने ट्वीट किया- 'ये हम सबके लिए बेहद शॉकिंग है जिन्हें पता था कि आप एक शालीन व्यक्ति हैं. ये सच नहीं हो सकता! मैं तुम्हें बहुत मिस करूंगा मेरे दोस्त RYAN'.
रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










