
अरब वर्ल्ड में पहली बार! सऊदी अरब को ऐसा क्या देने जा रहे ट्रंप कि घबराया इजरायल?
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ट्रंप प्रशासन ने सऊदी अरब को 48 एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स की बिक्री पर विचार शुरू कर दिया है. पेंटागन ने इस डील की शुरुआती मंजूरी दे दी है. यह डील अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच बातचीत पर निर्भर है. इसे लेकर इजरायल की चिंता बढ़ गई है.
हाल ही में खबर आई कि ट्रंप प्रशासन सऊदी अरब के उस अनुरोध पर विचार कर रहा है, जिसमें उसने 48 एफ-35 फाइटर जेट्स की खरीद की इच्छा जताई है. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 18 नवंबर को अमेरिका दौरे पर जाने वाले हैं और उनके दौरे से ठीक पहले पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) ने अरबों डॉलर के इस डील को मंजूरी दी है.
अगर सबकुछ प्लानिंग के अनुसार हुआ तो सऊदी अरब एफ-35 लाइटनिंग II स्टील्थ फाइटर जेट्स की डील साइन करने वाला पहला अरब देश बन सकता है. यह डील अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच सफल बातचीत पर निर्भर करती है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दो सूत्रों ने बताया कि डील को पेंटागन की मंजूरी मिल चुकी है. यह डील अमेरिकी नीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, जो मध्य पूर्व में सैन्य संतुलन को प्रभावित करेगा.
यह रिपोर्ट ट्रंप प्रशासन का मई 2025 में सऊदी अरब को लगभग 142 अरब डॉलर के विशाल डिफेंस पैकेज की स्वीकृति देने के बाद सामने आई है. उस पैकेज में वायु एवं मिसाइल रक्षा, वायुसेना और अंतरिक्ष आधुनिकीकरण, समुद्री सुरक्षा और संचार शामिल थे. लेकिन एफ-35 जेट्स उसमें शामिल नहीं था.
एक सूत्र और अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि सऊदी अरब ने इस साल की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सीधे तौर पर अपील की थी और वो लंबे समय से लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) के एफ-35 फाइटर जेट खरीदना चाहता है.
मामले से परिचित एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) फिलहाल 48 एडवांस फाइटर जेट्स की बिक्री पर विचार कर रहा है. हालांकि, डील फाइनल होने से पहले समझौते को कई और चरणों से गुजरने होंगे जिनमें कैबिनेट स्तर की मंजूरी, ट्रंप की स्वीकृति और कांग्रेस को औपचारिक सूचना देना शामिल है.

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