
अमेरिका ने हमले के लिए तीन न्यूक्लियर साइट को क्यों चुना? जानें कैसे आगे बढ़ा ईरान का परमाणु कार्यक्रम
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अमेरिका ने जिन तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया है, वह ईरान के लिए काफी अहम हैं. इन ठिकानों पर काफी मात्रा में यूरेनियम एनरिचमेंट किया जा रहा था और यह तीनों साइट ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए बहुत अहम हैं. इस हमले के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है.
इजरायल और ईरान के बीच दस दिन से जारी जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो चुकी है. अमेरिका ने रविवार को अपने बंकर बस्टर बमों से ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले का दावा किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को सफल बताया है जबकि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के लिए अमेरिका को बधाई दी है. अमेरिका ने जिन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है, वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए बेहद अहम हैं.
फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हमला
ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट को सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकाना माना जाता है. यह ईरान का यूरेनियम एनरिचमेंट सेंटर है जो कि एक पहाड़ी के किनारे स्थित है. फोर्डो में ईरान का सबसे एडवांस सेंट्रीफ्यूज है, जिसको अमेरिका कई सालों से टारगेट करना चाहता था. अब अमेरिका के हमले से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है, जिससे उबर पाना आसान नहीं होगा. हालांकि ईरान ने अमेरिकी हमले की बात को कुबूली है लेकिन बड़े नुकसान के दावे को खारिज किया है.
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अमेरिका ने ईरान के नतांज न्यूक्लियर साइट को भी टारगेट किया है. नतांज स्थित न्यूक्लियर फैसिलिटी दो हिस्सों में बंटी हुई है, पहला फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट और दूसरा पायलट फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट. पहला हिस्सा अंडरग्राउंड है जिसमें पांच फीसदी की शुद्धता के साथ यूरेनियम एनरिचमेंट किया जाता है और यहां करीब 14 हजार सेंट्रीफ्यूज होने की बात सामने आई है.
नतांज में 60% तक एनरिचमेंट

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