
अमेरिका ने 'डेडलाइन' से पहले क्यों किया अटैक? कहीं ईरान के परमाणु ठिकाने की ये सैटेलाइट तस्वीरें वजह तो नहीं
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अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने 13,600 किलोग्राम के GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बंकर बस्टर बम गिराए जो ब्लास्ट से पहले 200 फीट की मजबूत कंक्रीट को भी भेद सकते हैं. अमेरिका की तरफ से फोर्डो, नतांज और इस्फहान में परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जून को ईरान पर हमला करने या न करने का फ़ैसला करने के लिए 'दो हफ़्ते' का समय मांगा था. लेकिन इसके दो दिन के भीतर ही रविवार को अमेरिकी विमानों ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सुपर बम गिरा दिए. अमेरिका को अपनी सैन्य कार्रवाई में जल्दबाजी करने के लिए किस बात ने प्रेरित किया? सैटेलाइट तस्वीरों से इसके कुछ सुराग मिलते हैं.
फोर्डो साइट की सैटेलाइट तस्वीरें
ईरान के तीनों परमाणु ठिकानों में राजधानी तेहरान से करीब 120 किमी साउथ-वेस्ट में स्थित फोर्डो यूरेनियम एनरिचमेंट सेंटर सबसे अहम परमाणु ठिकाना है, क्योंकि यह एक पहाड़ से 80-90 मीटर नीचे स्थित है.
अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज की तरफ इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम को मुहैया कराई गईं हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि 19 और 20 जून को फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर असामान्य ग्राउंड एक्टिविटीज हुईं.
19 जून को 16 कार्गो ट्रकों के काफिले को फैसिलिटी के टनल एंट्री गेट की ओर जाने वाली सड़क पर तैनात किया गया था. 20 जून को बाद की तस्वीरों से पता चला कि ज्यादातर ट्रक सड़क के साथ लगभग एक किलोमीटर नॉर्थ-वेस्ट में फिर से तैनात हो गए थे.
हालांकि मेन गेट के पास अतिरिक्त ट्रक और कई बुलडोजर दिखाई दिए, जिनमें से एक ट्रक मेन टनल के एंट्री गेट के ठीक बगल में खड़ा था.

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