
'अपने दम पर पूरा करेंगे कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट', Adani Ports ने अमेरिकी फंडिंग को किया मना
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अडानी ग्रुप की इस कंपनी ने मंगलवार देर रात एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कोलंबो प्रोजेक्ट अगले साल की शुरुआत में पूरा होने के लिए ट्रैक पर है और कंपनी अपनी कैपिटल मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी के अनुरूप खुद के संसाधनों से इस प्रोजेक्ट की फंडिंग करेगी. अडानी पोर्ट्स ने यह भी कहा कि उसने यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) से फंडिंग के लिए अपना 2023 का अनुरोध वापस ले लिया है.
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी 'अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड' ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी फंडिंग पर नहीं निर्भर रहेगी और खुद के बलबूते इस प्रोजेक्ट को फंड करेगी. कंपनी का यह निर्णय अमेरिकी अभियोजकों द्वारा कथित रिश्वत मामले में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी पर आरोप लगाए जाने की पृष्ठभूमि में आया है.
अडानी ग्रुप की इस कंपनी ने मंगलवार देर रात एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कोलंबो प्रोजेक्ट अगले साल की शुरुआत में पूरा होने के लिए ट्रैक पर है और कंपनी अपनी कैपिटल मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी के अनुरूप खुद के संसाधनों से इस प्रोजेक्ट की फंडिंग करेगी. अडानी पोर्ट्स ने यह भी कहा कि उसने यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) से फंडिंग के लिए अपना 2023 का अनुरोध वापस ले लिया है.
यूएस को करनी थी 553 मिलियन डॉलर की फंडिंग
डीएफसी ने पिछले साल नवंबर में, कोलंबो बंदरगाह पर 'कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल' के डेवलपमेंट, कंस्ट्रक्शन और ऑपरेशन के लिए 553 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन देने पर सहमति व्यक्त की थी. इस टर्मिनल का विकास अडानी पोर्ट्स, श्रीलंकाई कंपनी जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (SLPA) द्वारा किया जा रहा है.
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कोलंबो प्रोजेक्ट के लिए यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन की फंडिंग हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सरकार के कदम का हिस्सा था. इसे विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए अडानी पोर्ट्स के एंडोर्समेंट के रूप में देखा गया था. हालांकि, लोन प्रोसेस तब रुक गया जब डीएफसी ने कहा कि अडानी और एसएलपीए के बीच समझौते को उनकी शर्तों के अनुरूप संशोधित किया जाए. बाद में श्रीलंका के अटॉर्नी जनरल ने दोनों कंपनियों के बीच इस कॉन्ट्रैक्ट का रिव्यू भी किया था.













