'अगर हमारी बात को किया गया नजरअंदाज, तो...', G20 बैठक से पहले रूस की दुनिया को चेतावनी
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रूस के विदेश मंत्री व्लादिमीर पुतिन जी 20 शिखर सम्मेलन में नहीं आ रहे हैं लेकिन उन्होंने विदश मंत्री सर्गेई लावरोव को अपने प्रतिनिधि के रूप में नई दिल्ली भेजने का फैसला किया है. जी 20 समिट से पहले रूस ने दुनिया को एक चेतावनी भी दी है.
G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष भाग लेने के लिए भारत पहुंचने वाले हैं. 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व करने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भारत भेजने का फैसला किया है. लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस जी-20 शिखर सम्मेलन की अंतिम घोषणापत्र को तब तक रोकेगा जब तक कि यह यूक्रेन और अन्य संकटों पर मॉस्को की स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं किया जाता.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का पुतिन का करीबी माना जाता है जो 2004 से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं. वह 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में 20 अग्रणी औद्योगिक और विकासशील देशों के समूह की बैठक (जी 20) में रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे.
रूस की धमकी!
मार्च में यूक्रेन युद्ध को लेकर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा पुतिन का गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद से ही पुतिन ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है. लावरोव ने प्रतिष्ठित मॉस्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के छात्रों को बताया, 'यदि हमारी स्थिति प्रतिबिंबित नहीं होती है तो सभी सदस्यों की ओर से कोई सामान्य घोषणा पत्र जारी नहीं किया जाएगा.'
फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद शुरू शुरू हुए यूक्रेन युद्ध से अभी तक भारी नुकसान हो चुका है.रूस इस युद्ध को अहंकारी पश्चिम के साथ अस्तित्व की लड़ाई के रूप में पेश करता है, जिसके बारे में पुतिन का कहना है कि वह (पश्चिमी देश) रूस को खत्म करना चाहते हैं और उसके विशाल प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण करना चाहते हैं. पश्चिम ऐसे किसी भी इरादे से इनकार करता है.
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