
The Kapil Sharma Show में अर्चना का मजाक उड़ने पर नाराज होते हैं बच्चे? बताया सच
AajTak
अर्चना पूरन सिंह ने एक अहम खुलासा किया. अर्चना ने बताया कि उनके बेटे आर्यमन और आयुष्मान ने उन्हें 5-6 साल की उम्र से अपमानजनक कॉमेडी का शिकार होते देखा है. तो क्या अर्चना पूरन सिंह का शो में यूं मजाक बनते देख उनका परिवार खफा हो जाता है? जानें क्या रहता है अर्चना की फैमिली का रिएक्शन?
अर्चना पूरन सिंह सालों से द कपिल शर्मा में हंसी के ठहाके लगा रही हैं. अर्चना की कपिल के शो में मौजूदगी चार चांद लगाती है. कॉमेडी शो में मस्ती तो खूब होती है इसके साथ-साथ अर्चना पूरन सिंह का मजाक भी काफी उड़ाया जाता है. कपिल शर्मा अर्चना की टांग खिंचाई करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं.
अर्चना का बड़ा खुलासा
तो क्या अर्चना पूरन सिंह का शो में यूं मजाक बनते देख उनका परिवार खफा हो जाता है? जब अर्चना को रोस्ट किया जाता है तब उनकी फैमिली का क्या रिएक्शन होता है? इसकी डिटेल अर्चना पूरन सिंह ने एक इंटरव्यू में दी है. अर्चना ने बताया कि उनके बच्चे ऐसे जोक्स को लेकर सीरियस नहीं होते हैं. उनके बच्चे कभी किसी मजाक से नाराज नहीं होते. अर्चना ने कहा कि उनके बच्चे मॉर्डन हैं. जो कि हॉलीवुड मूवीज, टीवी सीरीज और रोस्ट शोज देखते हैं.
बहू आलिया की प्रेग्नेंसी से खुश नीतू कपूर, बोलीं- पूरे इंडिया को पता चल गया मैं दादी बनने जा रही...
मजाक उड़ने पर क्या कहते हैं परिवारवाले?
इस दौरान अर्चना पूरन सिंह ने एक अहम खुलासा किया. अर्चना ने बताया कि उनके बेटे आर्यमन और आयुष्मान ने उन्हें 5-6 साल की उम्र से अपमानजनक कॉमेडी (insult comedy) का शिकार होते देखा है. इसलिए उनके दोनों बेटे अब रोस्ट कॉमेडी को बहुत नॉर्मल मानते हैं. चलो अर्चना पूरन सिंह के बच्चे तो उनका मजाक बनने पर नाराज नहीं होते. तो फिर क्या अर्चना के पति परमीत सेठी होते हैं?

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










