
TCS से Infosys तक... आज दिनभर ऐसे टूटे आईटी स्टॉक, संभल नहीं सका शेयर बाजार
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TCS, Infosys से लेकर Tech Mahindra तक के शेयर सोमवार को दिनभर टूटे और शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट में इनका अहम रोल रहा. सेंसेक्स 466 अंक फिसलकर बंद हुआ.
शेयर बाजार सोमवार को सुस्ती के साथ खुला और दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद बड़ी गिरावट के साथ क्लोज हुआ. सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 466 अंक की गिरावट के साथ क्लोज हुआ, तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी इंडेक्स ने 124 अंक फिसलकर क्लोजिंग की. बाजार में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह आई शेयरों में मची उथल-पुथल रही. टेक महिंद्रा से लेकर टीसीएस, इंफोसिस तक के शेयर बिखरे नजर आए.
आखिरी घंटे में बढ़ गई गिरावट शेयर मार्केट में कारोबार की शुरुआत तेज गिरावट के साथ हुई थी, लेकिन फिर इसमें तगड़ा उतार-चढ़ाव चलता रहा. बीएसई का सेंसेक्स अपने पिछले बंद 82,626.23 की तुलना में गिरकर 82,151.07 पर खुला था और शुरुआती घंटों में जोरदार रिकवरी दिखाते हुए 82,583.16 तक उछल गया था, लेकिन अंतिम कारोबार घंटे में गिरावट फिर तेज हो गई और ये 466.26 अंक फिसलकर 82,159.97 पर क्लोज हुआ.
सेंसेक्स की तरह ही एनएसई के निफ्टी इंडेक्स की भी चाल रही. इसने अपने पिछले बंद 25,327.05 की तुलना में गिरावट लेकर 25,238.10 पर खुला और फिर कारोबार के दौरान 25,151 तक फिसला, जबकि 25,331 तक चढ़ा, लेकिन इस उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार 124.70 अंक फिसलकर 25,202.35 के लेवल पर बंद हुआ.
दिनभर टूटते रहे IT शेयर बाजार में आई इस बड़ी गिरावट में आईटी कंपनियों के शेयरों का बड़ा रोल रहा, जो दिनभर टूटते रहे. अंत में इस सेक्टर की लार्जकैप कैटेगरी में शामिल कंपनियों में टेक महिंद्रा का शेयर (3.20%), टाटा ग्रुप की टीसीएस का शेयर (3.02%), इंफोसिस का शेयर (2.61%) और एचसीएल टेक का शेयर (1.84%) की गिरावट लेकर बंद हुआ. मिडकैप कंपनियों में शामिल हेक्सावेयर टेक का शेयर (7.08%) लेकर क्लोज हुआ.
ट्रंप के इस ऐलान का असर! गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा आवेदन शुल्क बढ़ाने का ऐलान कियाहै. अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस US$ 100,000 (करीब 88 लाख रुपये) कर दी है. यह नई H-1B आवेदन-पेटीशन्स यानी नए आवेदकों पर लागू होगी. मौजूदा वीजाधारकों और वीजा के नवीनीकरण पर इसका कोई असर नहीं होगा. इससे पहले H-1B वीजा के लिए पहले औसतन 6 लाख रुपये लगते थे.
H-1B वीजा वो रास्ता है जिससे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स अमेरिका जाकर काम करते हैं. ये फैसला रविवार से लागू हो चुका है और इसका सीधा असर भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स पर पड़ रहा है, जो इस वीजा कैटेगरी में सबसे ज्यादा हैं. हालांकि, एनालिस्ट का मानना है कि वीजा शुल्क में इस बढ़ोतरी का सीमित असर दिखेगा.













