
India New Zealand FTA: अमेरिका ने रोका! लेकिन भारत ने कहा- यही है मौका, और लगा दिया चौका!
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साल 2025 में भारत ने अब तक कुल 4 समझौते किए हैं. जिनमें ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और ओमान के साथ FTA/CEPA शामिल हैं, जबकि EFTA (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन) के साथ समझौता हुआ. यानी भारत ने इस साल कारोबारी फ्रंट पर चौका लगा दिया है.
अमेरिका ने इस साल की शुरुआत में पहले तमाम देशों को टैरिफ की धमकी दी, फिर एक-एक कर अलग-अलग देशों पर मनमुताबिक टैरिफ थोप दिया. वैसे भारत और अमेरिका के बीच पिछले दो दशकों में रिश्ते तेजी से सुधरे हैं. लेकिन इसके बावजूद अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया, जिसमें रूसी तेल खरीदने का बहाना बनाकर 25 फीसदी पेनॉल्टी है.
भारत ने अमेरिकी टैरिफ का अपने स्तर पर विरोध किया. जानकारों की मानें तो अमेरिका टैरिफ के बहाने भारत पर दबाव बनाना चाहता है, ताकि कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स की भारत में एंट्री हो जाए, जिसके लिए भारत अपने बाजार खोलने के लिए तैयार नहीं है. अमेरिका से कारोबारी तनाव के बीच भारत ने दुनिया के दूसरे देशों के बाजारों में अपनी पहुंच की कोशिशें शुरू कर दी.
साल 2025 भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन भारत ने इसे अवसर में बदलने का भी काम किया है. इसी कड़ी में भारत ने तीसरा मुक्त व्यापार समझौता (FTA) न्यूजीलैंड के साथ फाइनल कर दिया है. भारत और न्यूजीलैंड ने 22 दिसंबर 2025 को महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौता (FTA) को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके तहत न्यूजीलैंड के 95% निर्यात पर भारत में आयात शुल्क (टैरिफ) को या तो पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा, या काफी कम हो जाएगा.
मार्च में न्यूजीलैंड से शुरू हुई थी बातचीत
भारत के लिए यह समझौता वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है. भारत की सक्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ये डील महज 9 महीने में पूरी हुई है. इसपर बातचीत मार्च 2025 में शुरू हुई थी, जब न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया था. दोनों देशों की सरकारों ने इस समझौते को जल्द ही औपचारिक रूप से 2026 के पहले भाग में साइन करने की योजना बनाई है.
बता दें, भारत और न्यूजीलैंड ने मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को ऐतिहासिक करार दिया है. यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. यह समझौता निवेश को भी बड़ा प्रोत्साहन देगा. इसके तहत न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्षों के दौरान भारत में 20 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की प्रतिबद्धता जताई है.













