
Gensol के मालिकों की धोखाधड़ी नई नहीं... ये 5 कंपनियां भी जीरो कर चुकी हैं शेयर निवेशकों का पैसा
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Gensol Engineering के शेयर 91% से ज्यादा टूट चुके हैं, जिससे यह तो लगभग तय है कि जिसने इस कंपनी के शेयर खरीदे थे, उनके पैसे डूब चुके हैं. हालांकि यह पहली कंपनी नहीं है, जिसने निवेशकों के पैसे को डुबोया है, बल्कि इससे पहले भी कई कंपनियों ने निवेशकों को बर्बाद किया है.
शेयर बाजार एक तिलिस्म की तरह है, जहां कई लोग अपनी सूझबूझ से करोड़पति बन जाते हैं तो कुछ के निवेश किए गए पैसे भी डूब जाते हैं. लेकिन हर बार निवेश किए पैसों के डूबने का कारण आपके निर्णय ही नहीं होते हैं, बल्कि कंपनियों की गलती भी होती है. अभी का ताजा उदाहरण Gensol Engineering है. कभी यह शेयर 2400 रुपये का हुआ करता था, लेकिन अब सिर्फ 116 रुपये पर आ चुका है. सेबी के खुलासे के बाद यह शेयर हर दिन लोअर सर्किट लगा रहा है.
शेयर बाजार रेग्युलेटरी SEBI ने हाल ही में Gensol Engineering को लेकर फ्रॉड का खुलासा किया है. जिसमें उसके प्रमोटर्स द्वारा कंपनी के पैसों का गलत इस्तेमाल पाया गया. सेबी के अनुसार, इस कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी (Anmol Singh Jaggi) और उनके भाई पुनित सिंह ने कंपनी द्वारा लोन पर लिए गए पैसों का इस्तेमाल लग्जरी फ्लैट और गोल्फ किट जैसे विलासिता वाली चीजों पर खर्च किए. कुल 262 करोड़ से ज्यादा के पैसों का हिसाब-किताब नहीं मिला है.
Gensol Engineering के शेयर 91% से ज्यादा टूट चुके हैं, जिससे यह तो लगभग तय है कि जिसने इस कंपनी के शेयर खरीदे थे, उनके पैसे डूब चुके हैं. हालांकि यह पहली कंपनी नहीं है, जिसने निवेशकों के पैसे को डुबोया है, बल्कि इससे पहले भी कई कंपनियों ने निवेशकों को बर्बाद किया है. इसमें कई बड़े-बड़े नाम शामिल हैं, जो आज भी शेयर बाजार में चर्चा में बनी हुईं हैं.
यस बैंक (YES Bank) साल 2020 में यह बैंक बंद होने के कगार पर आ गया था, क्योंकि इस बैंक ने लोगों को बेतहाशा लोन बांटा था और ये पैसे वापस नहीं आ रहे थे. इस कारण इसका NPA भी बढ़ता चला गया. बैंक को बचाने के लिए RBI ने अपने हाथ में इसकी कमान ली और SBI समेत कई बैंकों ने इसमें हिस्सेदारी खरीदकर इस बैंक को बचाया. लेकिन अभी भी इसके शेयर वहां नहीं पहुंच पाए. साल 2018 में यस बैंक के शेयर 400 रुपये के करीब थे और आज 18 रुपये पर हैं. यानी अपने शिखर से 95% से ज्यादा नीचे है.
सत्यम कंप्यूटर (Satyam Computer) भारतीय IT कंपनी सत्यम कंप्यूटर, जिसे जिसे पहले सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. 2009 में कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन बी. रामलिंग राजू ने स्वीकार किया कि कंपनी के पैसों को लेकर बड़ा स्कैम हुआ है. यह घोटाला लगभग 7000 करोड़ रुपये का था. साल 2008 में इसके एक शेयर की वैल्यू 544 रुपये थी. घोटाले के बाद ये कंपनी डूब गई, जिसे बाद में टेक महिंद्रा ने खरीद लिया.













