
FY21 के 6 महीने बीते, कितनी रह सकती GDP? किसी ने चलाई कैंची तो कुछ पॉजीटिव!
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इकोनॉमी में जोरदार रिकवरी के बावजूद दिग्गज रेटिंग एजेंसियां और संस्थाएं देश की विकास दर का अनुमान घटा रही हैं. हालांकि कुछ रेटिंग एजेंसियों ने अपने अनुमान को बढ़ाया भी है. जिन रेटिंग एजेंसियों ने GDP ग्रोथ के अनुमान पर कैंची चलाई है, उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का इकोनॉमी पर असर हुआ है.
इकोनॉमी में जोरदार रिकवरी के बावजूद दिग्गज रेटिंग एजेंसियां और संस्थाएं देश की विकास दर का अनुमान घटा रही हैं. हालांकि कुछ रेटिंग एजेंसियों ने अपने अनुमान को बढ़ाया भी है. जिन रेटिंग एजेंसियों ने GDP ग्रोथ के अनुमान पर कैंची चलाई है, उनका कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का इकोनॉमी पर असर हुआ है. आइए जानते हैं वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ को लेकर सरकार का क्या अनुमान है, और दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां क्या कह रही हैं.
Fitch Ratings Forecast GDP फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया है. फिच ने जून में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान 10 फीसदी रहने का दिया था, जिसे अब घटाकर 8.7 फीसदी कर दिया है. एजेंसी का कहना है कि कोविड महामारी की दूसरी लहर की वजह से ये कटौती की गई है. हालांकि उसने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 10 फीसदी किया है.
World Bank Forecast GDP बीते हफ्ते वर्ल्ड बैंक ने 2021-22 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 8.3 फीसदी लगाया. जो कि दूसरी लहर के आने से पहले लगाए गए अनुमान के मुकाबले कम है. World Bank ने पहले करीब 10.1 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान दिया था. साथ ही वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि पिछले साल हुई तेज गिरावट को देखते हुए ये विकास दर बहुत ज्यादा नहीं है.













