
ELI स्कीम को मोदी कैबिनेट की मंजूरी... 2 साल में 3.5 करोड़ से ज्यादा को मिलेगी नौकरी
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सरकार ने ईएलआइ स्कीम की मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य रोजगार के अवसर पैदा करना और 2 साल में 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी देना है. वहीं पहली बार नौकरी करने वालों पर दो किस्त में एक महीने के वेतन के बराबर 15000 रुपये तक की अधिकतम सब्सिडी दी जाएगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एम्प्लाईमेंट लिंक्ड इनसेंटिव (ELI) योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत सभी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने, रोजगार क्षमता बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी है. सरकार का प्लान इस योजना के तहत 2 साल में 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी देना है.
वहीं पहली बार काम करने वालों पर सरकार 2 किस्तों में एक महीने के वेतन के बराबर सब्सिडी 15000 रुपये तक देगी. इस योजना का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र पर फोकस करते हुए पहली बार काम करने वालों के लिए प्रोत्साहन देना है. साथ ही देश में बेरोजगारी को कम करना है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस स्कीम को लेकर विस्तार से जानकारी शेयर की. उन्होंने बताया कि एक लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के रोजगार सृजन का समर्थन करने के लिए इस योजना को बनाया गया है. यह स्कीम सभी से चर्चा करने के बाद तैयार की गई है. इस स्कीम का ऐलान बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा किया गया था.
दो किस्त में दी जाएगी सब्सिडी केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर होगा. इसके दो पार्ट फर्स्ट टाइमर और सस्टेन एम्प्लाईमेंट के लिए बनाए गए हैं. फर्स्ट टाइर्म्स को जॉब ढूंढ़ने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए फर्स्ट टाइमर पर सब्सिडी की मंजूरी दी गई है, जिसमें अधिकतम 15000 रुपये तक दिया जाएगा. यह दो किस्त में दिया जाएगा. एक छह महीने और दूसरा 12 महीने... इस सब्सिडी का लाभ कंपनियों को दिया जाएगा.
दूसरा सस्टेन एम्प्लाईमेंट देते हैं तो इसके तहत 2 साल तक 3000 रुपये प्रति महीने हर कर्मचारी पर सपोर्ट दिया जाएगा. इससे रोजगार के ज्यादा अवसर खुलेंगे. इससे सतत विकास को बढ़ावा देगा.
मोदी कैबिनेट में ये भी हुए फैसले मोदी कैबिनेट में कुछ और बड़े फैसले हुए हैं. इसमें रणनीतिक और उभरते सेक्टर्स में रिसर्च, डेवलपमेंट और नवाचार को बढ़ाने के लिए अनुसंधान विकास और नवाचार (आरडीआई) योजना को मंजूरी दी गई है. इसका उद्देश्य निजी क्षेत्र को उभरते क्षेत्रों और आर्थिक सुरक्षा, रणनीतिक उद्देश्य और आत्मनिर्भरता के लिए प्रासंगिक अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान, विकास और नवाचार (आरडीआई) को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा, कैबिनेट ने तमिलनाडु में 4-लेन परमकुडी - रामनाथपुरम खंड (46.7 किमी) के निर्माण को भी मंजूरी दी है.













