
53 साल के करण जौहर का अकेलापन, बाहें फैलाकर कर रहे इंतजार, डायरेक्टर ने बयां किया दर्द
AajTak
करण जौहर का कहना है कि जब वो कुछ दिनों पहले नेशनल अवॉर्ड जीते थे, तब उन्हें काफी अकेलापन महसूस हो रहा था. क्योंकि वो अपनी खुशियां किसी दूसरे के साथ नहीें बांट सके थे.
फिल्ममेकर करण जौहर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर अक्सर सुर्खियों में आ जाते हैं. उनकी शादी नहीं हुई है, वो कई बार अकेला होने का दुख लोगों से शेयर करते रहते हैं. हाल ही में करण अपनी फिल्म 'रॉकी रानी की प्रेम कहानी' के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किए गए. मगर उनका कहना है इस खुशी के पल में भी उन्हें अकेलापन महसूस हुआ.
जिंदगी में अकेलापन महसूस करने पर क्या बोले करण जौहर?
करण जौहर ने टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा संग एक बातचीत में बताया कि जब उन्हें कुछ वक्त पहले नेशनल अवॉर्ड मिलने की खबर मिली, तब उन्हें बहुत अकेलापन महसूस हुआ. क्योंकि उनके पास उस खुशी को बांटने वाला कोई नहीं था. करण ने कहा, 'आप अपनी लाइफ में उतार-चढ़ाव के वक्त नहीं, बल्कि अपनी खुशी या सक्सेस में सबसे ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं. आपके उतार-चढ़ाव में आपका परिवार, दोस्त, माता-पिता और बच्चे होते हैं. मेरी दो कजिन बहनें हैं जिनके मैं बहुत करीब हूं और मेरे सबसे अच्छे दोस्त भी हैं.'
'लेकिन आपकी खुशी में आप क्या करते हैं? मुझे याद है कि मुझे एक फोन आया था कि मुझे नेशनल अवॉर्ड मिल रहा है. मैंने फोन रख दिया और एक मिनट के लिए बस यही सोचता रहा कि आज रात मैं क्या करूं? किसके घर जाऊं? किसका हाथ थामूं? पीठ पर एक हल्की सी थपकी, मुझे खुशी चाहिए थी और मैं बस यही चाहता था.'
नेशनल अवॉर्ड सेरेमनी में करण जौहर को आई किसकी याद?
करण ने आगे कहा कि वो जब नेशनल अवॉर्ड ले रहे थे, तब उन्हें अपने साथ किसी दूसरे इंसान की कमी खली. वो बताते हैं कि उन्हें अभी भी किसी की तलाश है, जिसके लिए वो शाहरुख खान की तरह अपनी बाहें फैलाकर खड़े हुए हैं. करण ने कहा, 'जब मैं अवॉर्ड सेरेमनी में गया, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरा प्लस वन कौन है और मेरे साथ कोई नहीं था.'













