
हाथों में पोस्टर, सड़कों पर लोग... ट्रंप और मस्क के खिलाफ फूटा अमेरिकियों का गुस्सा, 'हैंड्स ऑफ!' प्रोटेस्ट ने पकड़ा जोर
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बोस्टन में मेयर मिशेल वू ने कहा, 'मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चे ऐसे देश में बड़े हों, जहां सरकार डराने-धमकाने की रणनीति अपनाए और नफरत को बढ़ावा दे.' प्रदर्शनों के जवाब में व्हाइट हाउस ने बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर और मेडिकेड की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं. सरकार ने डेमोक्रेट्स पर वित्तीय संकट पैदा करने का आरोप लगाया.
अमेरिका में शनिवार को 'हैंड्स ऑफ!' नामक प्रोटेस्ट के तहत हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और एलन मस्क की नीतियों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. यह हाल के समय में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन रहा, जिसमें देशभर के 1,200 से अधिक स्थानों पर विरोध रैलियां आयोजित की गईं.
इन रैलियों में 150 से अधिक संगठनों ने भाग लिया, जिनमें सिविल राइट्स समूह, लेबर यूनियन, LGBTQ+ कार्यकर्ता, वेटरन्स और चुनाव से जुड़े कार्यकर्ता शामिल थे. 'हैंड्स ऑफ!' प्रदर्शन ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ असंतोष जताने के लिए आयोजित किया गया एक व्यापक आंदोलन है.
प्रदर्शनकारियों के निशाने पर ट्रंप
इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य कर्मचारियों की छंटनी, बड़े पैमाने पर निर्वासन और ट्रंप प्रशासन के अन्य विवादास्पद फैसलों का विरोध करना है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क उन संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं जो उनके हैं ही नहीं.
इस आंदोलन के मुख्य मुद्दों में सरकारी एजेंसियों में कटौती, स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में कमी और ट्रांसजेंडर अधिकारों पर प्रतिबंध शामिल हैं. अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क, जो ट्रंप के सलाहकार हैं और हाल ही में बनाए गए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के प्रमुख भी हैं, खासतौर पर प्रदर्शनकारियों के निशाने पर रहे. मस्क पर आरोप है कि वे कॉर्पोरेट हितों को आम जनता के ऊपर प्राथमिकता दे रहे हैं.
सिएटल से लेकर न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी में विरोध

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