
सिर्फ 15% टैरिफ... भारत-अमेरिका डील के बेहद करीब, ट्रंप ने PM मोदी को लेकर कही ये बात!
AajTak
India- US Trade Deal: खबरों के मुताबिक भारतीय निर्यात पर लगने वाला शुल्क लगभग 50% से घटाकर 15-16% किया जा सकता है. जिससे भारतीय एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है. अगर यह समझौता होता है तो भारत-अमेरिका के आर्थिक रिश्तों में बड़ा बदलाव आ सकता है.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (Trade Deal) बहुत जल्द होने वाली है. रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत चल रही है, और अधिकतर मुद्दों पर सहमति बन चुकी है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि दोनों देश डील के बहुत नजदीक पहुंच चुके हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में कहा कि वे जल्द ही भारत के साथ ट्रेड डील करेंगे, जबकि भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया है कि अगला महीना समझौते के नजरिये से बेहद अहम रहने वाला है.
इस डील की खास बातें... इस डील के तहत अमेरिका, भारत से आने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) में बड़ी कटौती करने जा रहा है. खबरों के मुताबिक भारतीय निर्यात पर लगने वाला शुल्क लगभग 50% से घटाकर 15-16% किया जा सकता है. जिससे भारतीय एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है.
हालांकि, कुछ संवेदनशील मुद्दे अब भी चर्चा में हैं. अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदने में कटौती करे. खबर ये है कि भारत ने भरोसा दिया है कि धीरे-धीरे रूस तेल आयात को कम किया जाएगा. वहीं भारत अपने किसानों, छोटे उद्योगों (MSME) और घरेलू उत्पादकों के हितों की सुरक्षा पर अड़ा हुआ है. भारत खासकर कृषि और डेयरी उद्योगों में अमेरिकी कंपनियों की एंट्री नहीं चाहता है. भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस समझौते से उसके स्थानीय उद्योगों को नुकसान न पहुंचे.
अमेरिका-भारत डील के फायदे अगर यह समझौता होता है तो भारत-अमेरिका के आर्थिक रिश्तों में बड़ा बदलाव आ सकता है. भारत को अमेरिकी बाजार में ज्यादा पहुंच मिलेगी, खासकर फार्मा, टेक्सटाइल और आईटी सेक्टर को बड़ा फायदा होगा. वहीं, अमेरिका को भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार में कृषि, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे.
जानकारों की मानें तो अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील (Trade Deal) शेयर बाजार के लिए भी एक बूस्टर डोज का काम करेगा. अगर टैरिफ का दायर 15-16 फीसदी तक सीमित रहता है तो फिर भारतीय बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिल सकती है. हालांकि समझौते के रास्ते में अभी भी बहुत रोडे हैं. साथ ही अमेरिका की टैरिफ नीति में अचानक बदलाव और भू-राजनीतिक मुद्दे (जैसे रूस से तेल आयात) इस डील को प्रभावित कर सकते हैं.













