
शराब बेचने वाली कंपनी लाएगी IPO, 140 करोड़ के नए शेयर होंगे जारी, जानिए डिटेल
AajTak
शराब इम्पोर्ट के कारोबार में 57 फीसदी हिस्सा रखने वाली कंपनी आईपीओ लाने जा रही है. इस कंपनी के पास कई इंटरनेशनल ब्रांड के व्हिस्की हैं, जिसका ये आयात करती है.
शेयर बाजार में जल्द ही एक शराब कंपनी अपने शेयरों को लिस्ट करा सकती है. मुंबई की एल्को-बेवरेज डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी एस्प्री स्पिरिट्स (aspri spirits) ने IPO लाने के लिए सेबी के पास एप्लीकेशन जमा किया है. यह कंपनी आईपीओ के तहत नए शेयर जारी करेगी और फिर इससे 140 करोड़ रुपये जुटाएगी. यह कंपनी ऑफर फॉर सेल के जरिए भी शेयर जारी करेगी, जिसका मतलब है कि प्रमोटर्स और शेयरहोल्डर्स की ओर से भी शेयर जारी किए जाएंगे.
वहीं कंपनी आईपीओ लाने से पहले प्री आईपीओ राउंड के तहत 28 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. यह फ्रेश इश्यू के तहत शेयर जारी किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, इस IPO के जरिए कंपनी के प्रमोटर्स और शेयरहोल्डर्स 50 लाख के शेयर बेचेंगे.
क्या-क्या करती है कंपनी? इस कंपनी की शुरुआत जयकिशन श्याम माताई और अरुणकुमार वेंकट बैंगलोर ने की थी. कंपनी खुद को भारत की सबसे बड़ी एल्को बेवरेज डिस्ट्रीब्यूटर्स बताती है. इसके पोर्टफोलियो में कुल 323 ब्रांड शामिल हैं. इसके पास Whyte & Mackay और Dalmore जैसे स्कॉच व्हिस्की ब्रांड, Camus कॉन्यैक, Molinari साम्बुका, Beluga वोडका, Black Tower स्टिल वाइन, Henkell स्पार्कलिंग वाइन और Amarula लिकर जैसे इंटरनेशनल ब्रांड भी हैं.
57 फीसदी लिकम इंपोर्ट में कंपनी का कहना है कि वह प्रीमियम अल्को बेवरेज सेगमेंट में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है और देश में लिकर इंपोर्ट के कारोबार में उसकी मार्केट हिस्सेदारी करीब 57 फीसदी है.ये चीज इसे लिकर कैटेगरी में टॉपर कंपनी बनाती है. कंपनी के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ के जरिए नए शेयर जारी कर जो राशि जुटाई जाएगी, उसमें से 105 करोड़ रुपये का उपयोग उसके कुल ₹127 करोड़ के बकाया कर्ज के एक हिस्से को चुकाने में किया जाएगा. इसके बाद जो रकम बचेगी, उसे कंपनी अपनी सामान्य कारोबारी जरूरतों, कार्यशील पूंजी और अन्य कॉरपोरेट लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लगाएगी.
कैसा रहे कंपनी के तिमाही नतीजे? कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटस की बात करें तो चालू वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में Aspri Spirits ने ₹119.6 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया है, जबकि इस अवधि में कंपनी का शुद्ध मुनाफा ₹9.8 करोड़ रहा है. मार्च 2025 को समाप्त फाइनेंशियल ईयर में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 12.2 प्रतिशत की बढ़त के साथ ₹17.4 करोड़ तक पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में ₹15.5 करोड़ था. कंपनी का रेवेन्यू इस अवधि के दौरान मजबूत हो रहा है, जो 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ₹460.7 करोड़ पर पहुंच गया, जबकि एक साल पहले यह ₹418.7 करोड़ था.
आईपीओ प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए कंपनी ने मोतीलाल ओसवाल इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स और नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट को मर्चेंट बैंकर के रूप में नियुक्त किया है. कंपनी का मानना है कि आईपीओ से उसे अपने वित्तीय ढांचे को मजबूत करने, कर्ज का बोझ कम करने और भविष्य की विकास योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी.













