
रूसी तेल के खरीददारों को ट्रंप ने दी टैरिफ की चेतावनी! भारत पर क्या होगा असर?
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डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चेतावनी दी है कि वो रूसी तेल के खरीददारों पर नया टैरिफ लगा सकते हैं. ट्रंप की इस नई धमकी पर भारत के ऑयल सेक्टर के विश्लेषक चिंता जता रहे हैं. उनका कहना है कि ट्रंप अगर सच में ऐसा करते हैं तो भारत को रूस से तेल की खरीद रोकनी पड़ सकती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक धमकी से भारत के रूसी तेल खरीद पर खतरा मंडराने लगा है. रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शांति वार्ता की धीमी प्रक्रिया से परेशान हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्हें लगा कि रूस यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म करने की उनकी कोशिशों को रोक रहा है तो वो रूसी तेल के खरीददारों पर अतिरिक्त टैरिफ लगा देंगे. रूस भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता है और अगर ट्रंप ऐसा करते हैं तो भारत के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी.
ट्रंप ने रूसी तेल खरीददारों को टैरिफ की धमकी देते हुए कहा, 'अगर आप रूस से तेल खरीदते हैं तो आप अमेरिका में बिजनेस नहीं कर पाएंगे. रूस के सभी तरह के तेल पर 25-50% का टैरिफ लगेगा.'
ट्रंप 2 अप्रैल से भारत समेत दुनिया के सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ भी लगा रहे हैं यानी जो देश अमेरिकी सामानों पर जितना टैरिफ लगाएगा, ट्रंप उनके सामानों पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे. भारत को टैरिफ में रियायत मिलने की कोई उम्मीद भी नहीं है क्योंकि ट्रंप ने पहले ही साफ कर दिया है कि 'नया टैरिफ सभी देशों पर लागू होगा.'
ट्रंप की चेतावनी से परेशान हुए भारतीय रिफाइनर्स
रूस भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता है. भारत के रिफाइनिंग सेक्टर के सूत्रों ने कहा है कि अभी यह साफ नहीं है कि ट्रंप अगर अपनी चेतावनी पर अमल करते हैं तो क्या भारत को छूट की गुंजाइश होगी या नहीं.
एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, 'यह कहना मुश्किल है कि यह कैसे होगा. हमें इस बारे में अधिक स्पष्टता की जरूरत है कि जब उन्होंने रूसी कच्चे तेल के खरीदारों पर टैरिफ की बात की तो इससे उनका क्या मतलब था. क्या यह टैरिफ तक ही सीमित होगा, या इसमें खरीदारों पर सेकेंडरी टैरिफ शामिल होंगे. यह एक बड़ा सवाल है.'

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







