मोदी सरकार में लौट आई मनमोहन के जमाने वाली महंगाई, GDP ग्रोथ पर भी ये जोखिम?
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एक महीने में खुदरा महंगाई 0.84 फीसदी चढ़ गई. हालांकि अप्रैल में महंगाई के तेजी से बढ़ने का अंदेशा पहले से ही था, लेकिन किसी ने 0.84 फीसदी के उछाल का अनुमान नहीं दिया था. इस बार महंगाई के दौर से जुड़ी सबसे खराब बात ये है कि इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) की रफ्तार सुस्त पड़ रही है.
भारत में फिर से ऊंची महंगाई (High Inflation) का दौर वापस आ गया है. अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) की दर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई. मई 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की पहली सरकार का गठन हुआ था, यह खुदरा महंगाई का उसके बाद से अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे पहले मार्च महीने में खुदरा महंगाई की दर 6.95 फीसदी पर थी.
साल 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. उस समय खुदरा महंगाई की दर 8.33 फीसदी थी. मई 2014 के बाद पहली बार अप्रैल 2022 में महंगाई की दर 8 फीसदी के पास पहुंची है. हालांकि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में महंगाई 10 फीसदी के भी पार गई थी. साल 2009 में तो एक समय खुदरा महंगाई 12 फीसदी से भी ऊपर चली गई थी. साल 1991 में जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तब भारत में खुदरा महंगाई की दर 13.50 फीसदी पहुंच गई थी. यह भारत में महंगाई का ऑल टाइम हाई भी है.
अप्रैल में इतनी बढ़ गई महंगाई
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक दिन पहले 12 मई को खुदरा महंगाई का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया. आंकड़ों से पता चलता है कि एक महीने में खुदरा महंगाई 0.84 फीसदी चढ़ गई. हालांकि अप्रैल में महंगाई के तेजी से बढ़ने का अंदेशा पहले से ही था, लेकिन किसी ने 0.84 फीसदी के उछाल का अनुमान नहीं दिया था. इस बार महंगाई के दौर से जुड़ी सबसे खराब बात ये है कि इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) की रफ्तार सुस्त पड़ रही है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था के सामने स्टैगफ्लेशन (Stagflation) का खतरा उपस्थित हो गया है. जब किसी भी इकोनॉमी में तेज महंगाई और सुस्त ग्रोथ (Slow Growth) की स्थिति एक साथ पैदा हो जाती है, तो उसे स्टैगफ्लेशन कहा जाता है.
डीजल-पेट्रोल के बढ़े दाम का असर
अप्रैल महीने में महंगाई में तेज उछाल का मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों (Food Items) और ईंधन (Fuel) के दाम में बढ़ोतरी है. फ्यूल एंड लाइट (Fuel&Light) कैटेगरी में इंफ्लेशन का इंडेक्स एक महीने पहले की तुलना में 3.1 फीसदी बढ़कर 10.8 फीसदी पर पहुंच गया. पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के अनुसार, टॉप चार शहरों में पेट्रोल का एवरेज पम्प प्राइस मार्च की तुलना में अप्रैल में 8.6-9 फीसदी बढ़ा है. इसी तरह डीजल का एवरेज पेट्रोल पम्प प्राइस इस दौरान 8.8-9.7 फीसदी बढ़ा है. अप्रैल महीने के महंगाई के आंकड़ों में डीजल और पेट्रोल की बढ़ी कीमतें (Diesel Petrol Prices) पूरी तरह से रिफ्लेक्ट हुई हैं. टॉप चार शहरों में पेट्रोल पंपों पर डीजल-पेट्रोल की खुदरा कीमतों के औसत के आधार पर एवरेज पम्प प्राइस की गणना की जाती है.