'मां ने मंगलसूत्र बेचा फिर पढ़ाया...' Chhello Show के डायरेक्टर का गरीबी में बीता बचपन, बोले- घर बेचकर पूरी की है फिल्म
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छेलो शो के डायरेक्टर पैन नलिन कहते हैं कि इस फिल्म को बनाने के दौरान मैं कई तरह की इमोशनल ब्रेकडाउन से गुजरा हूं. क्योंकि अपने कई गुजरे लम्हों को मैं दोबारा जी रहा था. हमने बचपन में बहुत कुछ झेला है. फिल्म के दौरान इस्तेमाल किए गए कई ऐसे प्रॉप्स हैं, जिसे मैंने बरसों से संभाल कर रखा था.
पैन नलिन ने अपनी पहचान इंडिपेंडेंट फिल्मों के जरिए बनाई है. बॉलीवुड में एंग्री इंडियन गॉडेसेस के बाद उन्होंने कई ऐसी फिल्में की हैं, जिन्हें इंटरनेशनल लेवल पर बहुत पहचान मिली है. पैन की फिल्म द छेलो शो इन दिनों चर्चा में है. फिल्म को इंडिया की तरफ से ऑस्कर की ऑफिसियल एंट्री के लिए भेजा गया है. पैन हमसे अपनी इस स्पेशल फिल्म और उससे जुड़ी कई यादें ताजा करते हैं.
ऑस्कर की नहीं थी उम्मीद कभी लगा था कि एक रिजनल इंडिपेंडेंट फिल्म इंटरनैशनल लेवल पर इतना शोर करेगी? मुझे कहीं न कहीं ये उम्मीद थी कि फिल्म को इंटरनेशनल लेवल पर ख्याती मिल सकती है. क्योंकि जब मैं डिस्ट्रीब्यूटर के पास गया, तो उनके रिएक्शन से समझ आता था कि इसका इमोशन यूनिवर्सल है. कॉन्फिडेंट मिला कि चलो फिल्म को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भेजा जा सकता है. फिल्म का ऑस्कर के लिए जाना, ये मेरी उम्मीदों से ज्यादा हो गया है.
स्पेन में वालाडोलिड (Valladolid) के 67वें फिल्म फेस्टिवल में हमने जब वहां अवॉर्ड जीता, तो लगा कुछ तो एक्सेप्शनल बात है इस फिल्म में. ट्रिबेका (Tribeca), चाइना में दो नॉमिनेशन का मिलना, कोरिया में बच्चों की ज्यूरी के बीच फिल्म का पसंद आना, स्वीट्जरलैंड के एक फिल्म फेस्टिवल में बच्चों द्वारा इसे इतना सराहा जाना, वाकई मेरे कॉन्फिडेंस को बूस्ट करता जा रहा था.
ओटीटी पर नहीं रिलीज की फिल्म फिल्म को थिएटर पर रिलीज करना था, या ओटीटी की प्लानिंग की थी? जब पोस्ट प्रॉडक्शन का काम चल रहा था, तो उस वक्त पैंडेमिक आ गया, तब चिंता बढ़ने लगी कि पता नहीं अब क्या होगा. मुझे डर हो गया कि पता नहीं सिनेमा थिएटर खुलेंगे या नहीं, क्योंकि हमारी फिल्म का सेंट्रल भी सिनेमा थिएटर ही है, तो मेरे लिए थिएटर में ही फिल्म दिखानी जरूरी है. सबने कहा कि फिल्म ओटीटी को बेच दो, लेकिन मैं अड़ा रहा कि नहीं थिएटर के खुलने का इंतजार करते हैं. मैंने कभी प्लानिंग ही नहीं की थी कि इसे ओटीटी में लाना है. मैं हमेशा से थिएटर पर ही इसे रिलीज करने वाला था.
फिल्म की कहानी के कई हिस्सों में खुद आपकी निजी जिंदगी की झलक है. अपनी कहानी को इंटरनेशनल लेवल पर देखना कितना अलग रहा? फिल्म मेकर बनने से पहले मैं एक फिल्मी कीड़ा रहा हूं. मैं फिल्म देखने के प्रॉसेस को बहुत एंजॉय करता हूं. उस दौरान मेरे कई फैकल्टी कहते थे कि तुम्हें हर फिल्म कैसे पसंद आ जाती है. लेकिन मुझे हर तरह की फिल्में वाकई में पसंद आती हैं.
इस फिल्म को बनाने के दौरान मैं कई तरह की इमोशनल ब्रेकडाउन से गुजरा हूं. क्योंकि अपने कई गुजरे लम्हों को मैं दोबारा जी रहा था. हमने बचपन में बहुत कुछ झेला है. फिल्म के दौरान इस्तेमाल किए गए कई ऐसे प्रॉप्स हैं, जिसे मैंने बरसों से संभाल कर रखा था. वो गल्ला, वो टिफिन, खाने की हर डिटेलिंग, लक्ष्मी भगवान की वो फोटो, ये सब देखकर मुझे कई बार प्रॉसेस करने में वक्त लग जाता था कि ये चीजें वाकई में मेरे बचपन का हिस्सा रही हैं.
सोशल मीडिया पर कंगना के साथ हुई घटना की लोगों ने निंदा की है. फैंस एक्ट्रेस के सपोर्ट में उतरे हैं. लेकिन अभी तक फिल्म इंडस्ट्री से किसी का रिएक्शन इस मामले में नहीं आया है. इससे कंगना बेहद आहत हैं. उन्होंने इंस्टा स्टोरी पर एक पोस्ट लिख इंडस्ट्री के लोगों को कॉल आउट किया है. हालांकि बाद में एक्ट्रेस ने ये पोस्ट डिलीट कर दी.