
'महिलाएं बेचारी नहीं... हीरो को बचाने की जरूरत क्यों', बोलीं रश्मिका मंदाना, पुष्पा 2-एनिमल डायरेक्टर का किया सपोर्ट
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एनिमल में रश्मिका ने गीतांजलि का किरदार निभाया था, इस पर खूब सवाल उठे थे कि कैसे वो एक ऐसे अल्फा मेल किरदार के प्यार में पड़ीं जो सिर्फ खून खराबा जानता है. ऐसे में उसे रिलेशनशिप में चीट करना भी सही लगता है. वहीं पुष्पा 2 में श्रीवल्ली का किरदार जिसका पति एक स्मग्लर है और लोगों को बेरहमी से मार गिराता है. बावजूद इसके श्रीवल्ली उसका साथ देती है.
एनिमल और उसके बाद पुष्पा 2: द रूल, इन फिल्मों ने रश्मिका मंदाना के स्टारडम को आसमान तक पहुंचा दिया है. दोनों ही फिल्मों में उनके किरदार और परफॉर्मेंस को लेकर खूब चर्चा रही. रश्मिका ने अपनी बेहतरीन एक्टिंग की छाप छोड़ी. लेकिन लीग से हटकर एक विलेन नुमा हीरो की पत्नी का किरदार निभाने पर रश्मिका को कई सवालों का भी सामना करना पड़ा.
एनिमल में रश्मिका ने गीतांजलि का किरदार निभाया था, इस पर खूब सवाल उठे थे कि कैसे वो एक ऐसे अल्फा मेल किरदार के प्यार में पड़ीं जो सिर्फ खून खराबा जानता है. ऐसे में उसे रिलेशनशिप में चीट करना भी सही लगता है. वहीं पुष्पा 2 में श्रीवल्ली का किरदार जिसका पति एक स्मग्लर है और लोगों को बेरहमी से मार गिराता है. बावजूद इसके श्रीवल्ली उसका साथ देती है.
'महिलाओं की इज्जत करना जानते हैं'
रश्मिका ने इस सभी मुद्दों पर चुप्पी तोड़ी और बताया कि वो क्यों इन दोनों कैरेक्टर्स को निभाने में पीछे नहीं हटीं सिद्धार्थ कनन को दिए इंटरव्यू में रश्मिका ने कहा कि वो ग्रेटफुल हैं कि उन्हें इसे निभाने का मौका मिला. क्योंकि एनिमल के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा, और पुष्पा डायरेक्टर सुकुमार दोनों जानते हैं कि अपनी फीमेल कैरेक्टर्स की इज्जत कैसे करनी है. साथ ही अपने एक्स्पीरियंस को भी शेयर किया.
रश्मिका बोलीं- सुकुमार और संदीप सर जानते हैं कि महिलाओं की इज्जत कैसे करनी है. वो महिलाओं को उस लिहाज से नहीं देखते, जो बेचारी हैं और उन्हें मदद की जरूरत है. वो जानते हैं महिलाएं पावरफुल हैं, वो स्ट्रॉन्ग हैं. वो उनकी कहानियों में झलकता हैं. आप एनिमल की गीतांजलि और पुष्पा की श्रीवल्ली किरदार को ही देख लीजिए. ये दोनों ही किरदार जानते थे कि रणविजय और पुष्पा बाहर 200 लोगों को मार रहे हैं. लेकिन मेरे वो दोनों ही किरदार (श्रीवल्ली और गीतांजलि) जानते थे कि कैसे उस समय उनके साथ हिम्मत से खड़े रहना है. वो आवाज उठाने वाली महिलाएं थीं.
''कैसे सुकुमार और संदीप जानते हैं कि महिलाएं ऐसे भी अपने पार्टनर्स का साथ दे सकती हैं, क्योंकि वो जानते हैं कि महिलाओं की इज्जत कैसे करनी है, वो उनकी क्षमता से वाकिफ हैं. अगर आप गहराई में जाएंगे तो आपको दिखेगा कि कितना प्यार और रिस्पेक्ट दिया गया है. इसी वजह से मैं भी उसे निभा पाई हूं. मैंने भी पहले ऐसे किरदार निभाए हैं जहां एक फीमेल को मदद की जरूरत पड़ी है. जहां हीरो को मुझे बचाने की जरूरत पड़ी है. इसलिए मुझे लगता है ये किरदार निभाना मेरे लिए सम्मान की बात है.''













