महाराष्ट्र सदन घोटाला: सबूतों के अभाव में Chhagan Bhujbal और उनके परिजन बरी
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मंत्री छगन भुजबल को महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में बरी कर दिया गया है. स्पेशल कोर्ट में कोई पुख्ता सबूत पेश न होने के कारण जज ने ये फैसला सुनाया है. छगन के साथ-साथ उनके परिवार को भी रिहा कर दिया गया है.
मुंबई: महाराष्ट्र सदन घोटाले में राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) के साथ-साथ उनके बेटे पंकज और भतीजे समीर समेत 5 अन्य लोगों को रिहा कर दिया गया है. गुरुवार को एक विशेष अदालत ने नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन और अन्य परियोजनाओं से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के मामलों में सबूतों की कमी के लिए आरोपमुक्त कर दिया है. स्पेशल जज एच.एस. सतभाई ने अपने जुलाई के आदेश में पूर्व पीडब्ल्यूडी इंजीनियर अरुण देवधर, निर्माण कंपनी के.एस. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दायर मामले में चमनकर एंट के अधिकारी प्रसन्ना चमनकर, कृष्णा चमनकर, प्रवीना चमनकर और प्रणीता चमनकर को भी बरी कर दिया है. यह समझौता साल 2005 में हुए सौदे से जुड़ा है, जिसमें कहा गया था कि फर्म के.एस. चमनकर एंट, को बिना टेंडर के सौंपा गया था. छगन भुजबल तब राज्य में तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे.More Related News