
'भूल गए क्या 1980 का स्कैम...' सिल्वर ETF को लेकर विजय केडिया की चेतावनी!
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विजय केडिया ने सिल्वर को लेकर अलर्ट जारी किया है. उन्होंने कहा कि 1980 में हंट ब्रदर्स ने जब सिल्वर में हेराफेरी की थी, तब भी सिल्वर इसी प्राइस के आसपास था और अब बड़ी तेजी से फिर से एक डर बन रहा है.
मार्केट के दिग्गज इन्वेस्टर विजय केडिया ने सिल्वर और गोल्ड को लेकर अलर्ट जारी किया है. उनके पास भी चांदी के ETF और Gold Bond है, लेकिन मौजूदा कीमतों पर वे सोने या चांदी में और निवेश नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में शेयर से उनका रिटर्न स्थिर रहा है, लेकिन वे संतुष्ट हैं और बुलियन या ईटीएफ की तुलना में शेयरों को तरजीह देते रहेंगे.
बिजनेस टुडे को दिए एक इंटरव्यू में केडिया ने कहा कि निवेशक जल्दी भूल जाते हैं. 1980 के दशक के कुख्यात हंट बदर्स द्वारा किए गए हेराफेरी को याद किया. इन लोगों ने चांदी के बाजार में हेराफेरी की थी.इसके खुलासे के बाद केडिया ने बताया कि चांदी की कीमतें 40-50 डॉलर से गिरकर 6 डॉलर पर आ गई थीं और चार दशकों के बाद हाल ही में उस स्तर पर पहुंची हैं. केडिया ने कहा कि अब सर्राफा बाजार तक शेयर बाजार वाला FOMO (छूट जाने का डर) पहुंच चुका है.
दूसरी ओर, उन्होंने कहा कि सोने की कीमत रुपये के हिसाब से लगभग दस गुना बढ़ गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सोना और चांदी अलग-अलग चीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 4 सालों में कई शेयरों ने 2-10 गुना रिटर्न दिया है.
थोड़ा धैर्य बनाए रखने की जरूरत केडिया के अनुसार, निवेशकों को अगले पांच से छह महीनों तक धैर्य बनाए रखना होगा. उन्होंने आगे कहा कि लार्जकैप शेयरों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है क्योंकि उन्हें सुरक्षित माना जा रहे हें. उन्होंने कहा कि लार्जकैप शेयर इस तरह का अवसर दे रहे हैं, लेकिन जब मार्केट में सुधार होगा, आय की संभावना बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी तो मुझे लगता है कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर भी जीवंत हो जाएंगे.
क्या था 1980 का स्कैम? अमेरिका के अरबपति तेल कारोबारी नेल्सन बंकर हंट और विलियम हर्बर्ट हंट ने 70 के दशक में सोना और चांदी में भारी निवेश शुरू किया, क्योंकि उन्हें डर था कि अमेरिकी डॉलर की वैल्यू गिरेगी. यह वही वक्त था जब डॉलर को गोल्ड से बिल्कुल अगल कर दिया गया था. उन्होंने अपने सहयोगियों की मदद से और बैंक से लोन लेकर खूब चांदी की खरीदारी की. एक समय ऐसा आया कि दुनिया की एक तिहाई चांदी उनके पास हो गई. आलम ये हुआ कि 1970 में सिल्वर की कीमत $1.50 प्रति औंस से बढ़कर जनवरी 1980 में $50 प्रति औंस हो गई.
जब यह अमेरिकी सरकार और एक्सचेंज के नजर में आई तो इन्होंने सेल ओन्ली रूल लागू कर दिया और नई खरीद पर रोक लगा दी. बैंकों ने हंट ब्रदर्स से लोन वापस मांगने शुरू किए और इनके पास कैश नहीं था. फिर 27 मार्च 1980 का दिन आया, जिसे Silver Thursday कहा जाता है. चांदी की कीमत $50 से गिरकर $10 पर आ गई. करीब यह 80 फीसदी तक क्रैश हो गई.













