
भारत-रूस दोस्ती से ट्रंप को चिढ़, 25% टैरिफ की धमकी... जानिए भारत के पास अब क्या है विकल्प
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US-India Trade Deal Updates: भारत एक संतुलित समझौता चाहता है, जो उसके 140 करोड़ लोगों, विशेष रूप से 70 करोड़ कृषि-निर्भर आबादी के हितों की रक्षा करे. जबकि अमेरिका अपने उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में अधिक पहुंच चाहता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है. ट्रंप ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर दी है. लेकिन ट्रंप ने भारत पर टैरिफ थोपने के साथ जो मैसेज दिया है, उससे लगता है कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर सहमति नहीं बन पाई है.
दरअसल, ट्रंप टैरिफ को लेकर लगातार दबाव वाली रणनीति अपना रहे हैं, दोनों देशों के बीच इस मसले को लेकर कई बैठकें हुईं, अगले महीने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत आने वाला है. फिर अचानक ट्रंप का ये ऐलान क्यों, इसका जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं. अमेरिका यानी डोनाल्ड ट्रंप जो चाहते हैं, उसपर भारत बिल्कुल समझौते को तैयार नहीं है. भारत खासकर कृषि, डेयरी, फॉर्मा और डिजिटल जैसे सेक्टर में अमेरिका के लिए पूरी तरह से बाजार खोलने को तैयार नहीं है. भारत एक संतुलित समझौता चाहता है, जो उसके 140 करोड़ लोगों, विशेष रूप से 70 करोड़ कृषि-निर्भर आबादी के हितों की रक्षा करे. भारत अपनी खाद्य सुरक्षा, किसानों के हित, और रणनीतिक स्वायत्तता को प्राथमिकता दे रहा है, जबकि अमेरिका अपने उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में अधिक पहुंच चाहता है.
अमेरिका क्या चाहता है... अमेरिका भारत से अपने कृषि और डेयरी उत्पादों, खासकर (नॉन-वेज मिल्क) और जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) फसलों के लिए बाजार खोलने और इन पर टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है. अमेरिका चाहता है कि भारत इन सेक्टर्स में 100% तक के टैरिफ को हटाए या कम करे. जिसपर भारत बिल्कुल सहमत नहीं है. क्योंकि भारत में इससे एक बड़ा वर्ग प्रभावित हो जाएगा. खासकर छोटे किसानों पर इसका असर हो सकता है.
भारत में दूध को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से पवित्र माना जाता है, और मांसाहारी चारा खाने वाले मवेशियों से प्राप्त दूध (Non Veg Milk) को बाजार में अनुमति देना भारत के लिए स्वीकार्य नहीं है. भारत ने सुझाव दिया है कि अमेरिका से आयातित दूध पर यह स्पष्ट रूप से उल्लेख हो कि यह शाकाहारी चारा खाने वाले मवेशियों से प्राप्त है.
अमेरिका स्टील, ऑटो पार्ट्स, और डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भारत से टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है, जबकि भारत इन क्षेत्रों में अपने हितों की रक्षा करना चाहता है. भारत ने कुछ अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क में छूट देने की पेशकश की है. लेकिन डेयरी और कृषि को छोड़कर. अगर अमेरिकी डेयरी और कृषि उत्पादों को भारतीय बाजार में अनुमति दी जाती है, तो भारतीय किसानों को भारी नुकसान हो सकता है, जिससे लगभग 8 करोड़ लोगों के रोजगार पर असर पड़ सकता है.
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, फिर इसे 9 जुलाई, 2025 तक के लिए टाल दिया गया था. उसके बाद से दोनों देशों के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं, इसी बीच अब ट्रंप ने एकतरफा ऐलान करते हुए 1 अगस्त, 2025 से भारत पर 25% टैरिफ लगाने की बात कही है.













