
भारत-चीन समेत सभी अमीर देशों को म्यांमार भूकंप जैसे संकट में करनी चाहिए मदद, बोले अमेरिकी विदेश मंत्री
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अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'हम दुनिया की सरकार नहीं हैं. ना ही, हम हर किसी की तरह मानवीय सहायता प्रदान करेंगे और हम इसे बेहतर तरीके से करेंगे. लेकिन हमारी अन्य जरूरतें भी हैं, जिनके साथ हमें संतुलन बनाना है. हम मानवीय सहायता से पीछे नहीं हट रहे हैं.'
भारत और चीन को समृद्ध देश बताते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका म्यांमार भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद जारी रखने के लिए तैयार है, लेकिन अन्य देशों को भी दुनिया भर में ऐसे संकटों के दौरान मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका से वर्ल्ड में 60-70% मानवीय सहायता देने की उम्मीद करना गलत है.
रुबियो ने शुक्रवार को ब्रुसेल्स में नाटो मुख्यालय में मीडिया से कहा, 'हम दुनिया की सरकार नहीं हैं. नहीं, हम हर किसी की तरह मानवीय सहायता प्रदान करेंगे और हम इसे सर्वोत्तम तरीके से करेंगे. लेकिन हमारी अन्य जरूरतें भी हैं, जिनके साथ हमें संतुलन बनाना है. हम मानवीय सहायता से पीछे नहीं हट रहे हैं.'
रुबियो भूकंप के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि किस प्रकार अमेरिका ने विशेष उपकरणों और विशेषज्ञों के माध्यम से जमीन पर लोगों की जान बचाकर ऐसी घटनाओं के दौरान सहायता की पेशकश की.
'हम अपना काम करेंगे'
रुबियो से पूछा गया कि क्या ऐसा संयुक्त राज्य अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) को खत्म करने के कारण नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, 'दुनिया में बहुत से अन्य अमीर देश हैं. उन सभी को इसमें योगदान देना चाहिए. हम अपना काम करेंगे. हमारे लोग पहले से ही वहां हैं, हमारे और लोग वहां होंगे. हम जितना हो सकेगा, मदद करेंगे. यह काम करने के लिए सबसे आसान जगह नहीं है. उनके पास एक सैन्य शासन है जो हमें पसंद नहीं करता और हमें उस देश में उस तरह से काम करने की अनुमति नहीं देता, जैसा हम चाहते हैं. इससे हमारी प्रतिक्रिया बाधित होती, चाहे कुछ भी हो.'
'हम मदद को हमेशा तैयार हैं'

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