
भारत को रूसी तेल पर ज्ञान देने वाले ट्रंप और EU नेताओं का डबल स्टैंडर्ड... ये आंकड़े खोलते हैं पोल!
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2021 में तो अमेरिका ने रूस से बंपर आयात किया. लेकिन इसके बाद यूक्रेन युद्ध की वजह से इसमें कमी आई बावजूद इसके अमेरिका ने रूस से यूरेनियम, EV इंडस्ट्री में काम आने वाले पैलेडियम, फर्टिलाइजर और केमिकल का आयात जारी रखा. यूरोपियन यूनियन भी यूक्रेन जंग के बावजूद रूस से जमकर ईंधन खरीदता रहा. बेहद हास्यास्पद है कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन दोनों ही यूक्रेन का हवाला देकर भारत से रूसी तेल नहीं खरीदने को कह रहे हैं.
अमेरिका ने रूस से भारत की ओर से कच्चे तेल की खरीद पर नजर टेढ़ी की तो भारत ने दो टूक कहा कि जो देश रूस के साथ व्यापार करने के लिए हमारी आलोचना कर रहे हैं वे स्वयं रूस से से व्यापार कर रहे हैं. जबकि हमारे जैसा ऐसा करना उनकी लिए मजबूरी भी नहीं है. भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका अभी भी अपने न्यूक्लियर इंडस्ट्री के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रानिक व्हीकल इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम और खाद और केमिकल रूस से आयात करता है. भारत ने कहा कि अमेरिका की आलोचना गैर न्यायोचित और अतार्किक है.
आइए समझते हैं कि अमेरिका और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार की क्या स्थिति है.
जैसा कि हमने ऊपर कहा है अमेरिका अपनी जरूरत की चीजें बड़े पैमाने पर रूस से मंगाता है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से मई 2025 के बीच अमेरिका ने रूस से 2.1 बिलियन डॉलर का आयात किया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 23% अधिक है. इस वृद्धि में पैलेडियम (37%), यूरेनियम (28%), और उर्वरक (21%) जैसे उत्पादों की आयात में तेज उछाल प्रमुख रहा.
अमेरिका और रूस के बीच के व्यापार को यूक्रेन जंग के नजरिये से देखना जरूरी है. 2021 में जब यूक्रेन जंग शुरू नहीं हुआ था तो दोनों देशों के बीच बंपर द्विपक्षीय व्यापार हुआ करता था.
अमेरिका की सरकारी वेबसाइट यूनाइटेड स्टेट सेंशस ब्यूरो के 2021 में अमेरिका ने रूस को 6388.2 मिलियन डॉलर कीमत का सामान निर्यात किया. जबकि रूस से अमेरिका का आयात बंपर रहा. अमेरिका ने 2021 में 29638.3 मिलियन डॉलर का भारी-भरकम आयात अमेरिका से किया.
यूक्रेन पर रूस का हमला और नीचे जाता व्यापार का ग्राफ













