
भारतीय बाजार क्यों बेहाल? विदेशी कनेक्शन... इन दो देशों में तनातनी से बिगड़ा खेल!
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US-China Tension Impact: अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर से ट्रेड टेंशन बढ़ती दिख रही है. ट्रंप ने चीनी आयात पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया, तो चीन ने भी पलटवार कर दिया है. दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थों के बीच तनाव से भारत समेत दुनियाभर के बाजार भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान क्या किया दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोहराम मच गया. सोमवार को जापान से लेकर हांगकांग तक के स्टॉक मार्केट बिखरे हुए नजर आए और ग्लोबल उथल-पुथल का असर भारतीय शेयर मार्केट पर देखने को मिला. सेंसेक्स-निफ्टी में बीते हफ्ते से जारी तेजी पर अचानक ब्रेक लग गया और दोनों इंडेक्स रेड जोन में कारोबार करते दिखे. खास बात ये है कि जब-जब भारततीय शेयर बाजार निवेशकों का सेंटीमेंट सुधरता नजर आता है, अचानक US से कोई बम फोड़ दिया जाता है. बीते शुक्रवार को सेंसेक्स-निफ्टी जोरदार बढ़त लेकर बंद हुए थे.
फेस्टिव सीजन में US-China जंग भारी
देश में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है और खपत, डिमांड और खर्च में बढ़ोतरी की उम्मीद से बीते पूरे सप्ताह शेयर बाजार के दोनों इंडेक्स बढ़त में कारोबार करते दिखे. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स पांच कारोबारी दिनों के दौरान 1293 अंक की तेजी में रहा. सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को बाजार ग्रीन जोन में बंद हुआ था, लेकिन अचानक डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयतित सामानों पर 1 नवंबर से 100% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया.
हालांकि, US-China की लड़ाई में भारत का कोई रोल नहीं, लेकिन ट्रंप के इस कदम से मची ग्लोबल हलचल भारत तक पहुंची. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन जहां सेंसेक्स-निफ्टी ने पिछले बंद के मुकाबले तगड़ी गिरावट लेकर बंद हुए थे. सेंसेक्स 173 अंक टूटकर 82,327 पर, तो निफ्टी 58 अंक टूटकर 25,227 पर क्लोज हुआ था. वहीं आज मंगलवार को भी दोनों इंडेक्स फिर से बुरी तरह फिसले. BSE Sensex 297 अंक फिसलकर 82,029 पर बंद हुआ, तो NSE Nifty 81 अंक गिरकर 25,145 पर क्लोज हुआ.
इसके पहले भी ऐसे कई मामले देखने को मिल चुके हैं, जब अमेरिकी हलचल से भारतीय शेयर बाजार में हड़कंप मचा हो. फिर बात US Fed के पॉलिसी रेट को लेकर लिए जाने वाले किसी फैसले को हो, या फिर ट्रंप के किसी ऐलान की. बीते सितंबर 2024 से लेकर अब तक लगातार जब भी बाजार गिरावट से उबरता हुआ नजर आया, अचानक अमेरिका से आई एक खबर से फिर फिसल गया.
अमेरिका में हलचल से क्यों भारत पर असर? भारतीय बाजार लगातार बड़ा होता जा रहा है और इसकी अपनी मजबूती भी है. जीडीपी ग्रोथ हो, कंपनियों के तिमाही नतीजे हों या फिर बाजार को सपोर्ट देने वाली सरकारी नीतियां. लेकिन इन सबके बावजूद भारतीय शेयर बाजार अकेला नहीं चलता, क्योंकि ये ग्लोबल इन्फ्लो पर भी निर्भर है. दुनिया भर में व्यापार के लिए ज्यादातर अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल होता है और भारत क्रूड ऑयल से लेकर तमाम आयात के लिए अमेरिकी करेंसी में ही ऑर्डर करता है.













