
भारतीय नौसेना के INS सतपुड़ा और सावित्री 50 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार पहुंचे, अब तक 2000 से ज्यादा की मौत
AajTak
म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता की भूकंप की वजह से 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भूकंप से तबाही के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है. 50 टन राहत सामग्री के साथ भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत, आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री म्यांमार पहुंच गए हैं. इस मुश्किल घड़ी में भारत फर्स्ट रिस्पॉन्डर की भूमिका निभाते हुए म्यांमार के साथ खड़ा है.
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है. भारत भी 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत म्यांमार को सहायता प्रदान कर रहा है. भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत, आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री, 50 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार के यांगून बंदरगाह सोमवार देर रात पहुंचे. म्यांमार में भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने मंगलवार की सुबह सामग्री को म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया है.
म्यांमार को भारत की सहायता
29 मार्च को ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत INS सतपुड़ा और सावित्री से म्यांमार राहत सामग्री भेजी गई थी. जो कि अब म्यांमार पहुंच चुका है. इस सामग्री से भूकंप पीड़ितों की सहायता की जाएगी. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया है कि भारतीय नौसेना के दो जहाज सामग्री लेकर म्यांमार पहुंच गए हैं.
राहत मिशन में सक्रिय हुई भारतीय नौसेना और वायुसेना
भूकंप पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना और वायुसेना सक्रिय हैं. म्यांमार में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी है कि यांगून, नेपीडॉ और मांडले तक बड़े पैमाने पर राहत सहायता पहुंचाई गई. इसके लिए भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और भारतीय वायुसेना के छह विमानों का इस्तेमाल किया गया.
भारत की फर्स्ट रिस्पॉन्डर भूमिका

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







