
परमाणु सेक्टर में अब प्राइवेट कंपनियों की एंट्री, इन शेयरों पर रखें नजर!
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अब परमाणु सेक्टर में प्राइवेट कंपनियां का निवेश आएगा, जिसके बाद नवीनीकरण को गति मिलेगी, एनर्जी सेफ्टी को बढ़ावा मिलेगा.
PM नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऐलान किया क भारत का सख्त कंट्रोल परमाणु एनर्जी सेक्टर्स जल्द ही प्राइवेट निवेश के लिए ओपेन हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस कदम से नवीनीकरण को गति मिलेगी, एनर्जी सेफ्टी को बढ़ावा मिलेगा और भारत आधुनिक परमाणु टेक्नोलॉजी में ग्लोबल टॉपर के तौर पर स्थापित होगा.
PTI के मुताबिक, सरकार ने 2047 तक भारत की परमाणु एनर्जी क्षमता को 100 गीगावाट तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जो वर्तमान 8.8 गीगावाट के स्तर से एक बड़ी छलांग है. इस टारगेट को हासिल करने के लिए सरकार 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसदके आगामी शीतकालीन सेशन में परमाणु एनर्जी बिल 2025 पेश करने की तैयारी में है.
मार्केट के जानकारों का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान ग्रीन हाउस गैस के कम उत्सर्जन के साथ क्लीन एनर्जी की ओर कदम बढ़ाने से कैपिटल प्रोड्क्टस, एनर्जी और एरोस्पेस सेक्टर्स की कई कंपनियों को लाभ होने की संभावना है. इस लिस्ट में प्राइवेट और पब्लिक दोनों सेक्टर्स के नाम शामिल हैं.
क्या है सरकार का प्लान? आगामी परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025 में रिएक्टर निर्माण, यूरेनियम आपूर्ति और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर विकास में निजी भागीदारी की अनुमति देने की योजना है. INVASET पीएमएस के बिजनेस हेड हर्षल दासानी ने बताया कि भारत परमाणु क्षमता में बड़े पैमाने पर ग्रोथ की तैयारी कर रहा है, जिसका लक्ष्य 2047 तक लगभग 100 गीगावाट तक पहुंचना है. परमाणु ऊर्जा जीवाश्म ईंधन के कार्बन फ़ुटप्रिंट के बिना बेसलोड स्थिरता प्रदान करती है.
किन शेयरों पर रखें फोकस? दासानी के अनुसार, प्रमुख लाभार्थियों में भारी इंजीनियरिंग में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (BHEL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T), सटीक घटकों में एमटीएआर टेक्नोलॉजीज, रिएक्टर और प्लांट निर्माण में पावर मेक प्रोजेक्ट्स, और दीर्घकालिक उत्पादन साझेदारी में टाटा पावर जैसे नाम शामिल हैं.
मार्केट के जानकारों का मानना है कि यह पहल एनर्जी सोर्स में विविधता लाने और हाई टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में प्राइवेट नवीनीकरण को बढ़ावा देने की भारती की रणनीतिक मंशा को दिखाती है. निवेशकों के लिए परमाणु सेक्टर्स का खुलना भारत के क्लीन एनर्जी बदलाव में भागीदारी का एक जेनरेसन अवसर पेश् करता है, जो नीतिगत स्थिरता और मजबूत टेक्नोलॉजी क्षमताओं पर बेस्ड है.













