
ट्रंप की धमकी फुस्स, चीन ने इस 'चाल' से कर दिया खेल, देखता रह गया अमेरिका!
AajTak
ईरान के क्रूड ऑयल पर भले ही अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हुए हैं, लेकिन इन्हें दरकिनार करते हुए चीन लगातार इसकी खरीद किफायती दरों पर कर रहा है. ड्रैगन एक खास व्यवस्था के तहत ये पूरा खेल करता है और अमेरिका की नजरों से बच जाता है.
अमेरिका ने ईरान के कच्चे तेल को लेकर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं और ये कई सालों से लागू हैं. इसका उद्देश्य दरअसल, ईरानी तेल के लिए भुगतान को व्यावहारिक रूप से असंभव बनाना है. लेकिन अमेरिका के बैन वाले हथकंडों के बावजूद चीन ईरान के क्रूड ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है. ड्रैगन ने प्रतिबंधों के बाद भी एक ऐसा फॉर्मूला निकाला है, जिससे वो बिना रोक-टोक के अरबों डॉलर मूल्य की कच्चे तेल की खरीद जारी रखे हुए है.
US बैन के बाद भी खरीद जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2015 में ईरान ने JCPOA नामक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और इसके बाद अमेरिका ने कुछ समय के लिए ईरान पर लागू प्रतिबंधों को हटाया था, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में इस समझौते से अमेरिका बाहर निकल गया और ईरान के तेल निर्यात पर फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए, जो अब तक लागू हैं. इस बीच चीन लगातार ईरान से कच्चे तेल का आयात कर रहा है और इस आपूर्ति के लिए एक खास चाल का सहारा ले रहा है, जिसके चलते अमेरिका भी सिर्फ देखता रह जाता है.
दरअसल, चीन अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते इस तेल का आयात इनडायरेक्ट रूट्स के जरिए करता है. अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो ड्रैगन तकरीबन 10 लाख बैरल/दिन ईरानी तेल इंपोर्ट करता है और रिपोर्ट्स की मानें तो चीन इस तेल को मलेशिया, ओमान जैसे देशों से आए तेल के साथ जोड़कर दिखाता है, ताकि अमेरिकी बैन से बचा जा सके.
चीन अपनी इस चाल से कर रहा कमाल वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक आर्टिकल में भी चीन के इस खेल के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसमें मामले से जुड़े अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि बीजिंग एक खास व्यवस्था अपनाता है, जिसके तहत वो ईरानी कच्चे तेल की अदला-बदली चीन द्वारा निर्मित इंफ्रास्ट्रक्चर से कर देता है, जिससे वैश्विक बैंकिंग प्रणाली पर प्रतिबंधों का असर नहीं पड़ता.
इसमें बताया गया है कि इस तरीके ने अमेरिका के दो प्रमुख प्रतिस्पर्धियों के बीच आर्थिक संबंधों को और गहरा किया है. आधिकारिक अनुमानों को देखें, तो सिर्फ 2024 में इस खेल के जरिए प्राप्त तेल राजस्व का उपयोग ईरान में चीनी परियोजनाओं के वित्तपोषण में 8.4 अरब डॉलर तक हो सकता है. यह ईरान से अनुमानित 43 अरब डॉलर के तेल निर्यात का एक हिस्सा है, जिसका लगभग 90% चीन को ही जाता है.













