
टैरिफ के बाद H-1B वीजा पर हंगामा! अमेरिका में ये बड़े मंत्री... 3 दिन से चल रही है बैठक
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अमेरिका में व्यापार समझौते को लेकर 3 दिन से भारत और अमेरिका के बीच बैठक चल रही है. इस बैठक में टैरिफ से लेकर वीजा और अन्य मुद्दों पर बातचीत जारी है. आइए जानते हैं क्या नया अपडेट आया है.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. भारत और अमेरिका के बीच पिछले 3 दिनों से ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है, जिसमें दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा हो रही है. पीयूष गोयल की अध्यक्षता में ये चर्चा सोमवार से ही जारी है, जिसमें उम्मीद की जा रही है कि टैरिफ कम करने को लेकर जल्द सहमति बन सकती है.
वाशिंगटन में हो रही ट्रेड डील पर चर्चा में कमर्शियल एंड इंडस्ट्री मीनिस्टर पीयूष गोयल के अलावा मंत्रालय के सीनियर अधिकारी भी हैं, जिसमें विशेष सचिव और भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल भी शामिल हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर बातचीत हो रही है. उन्होंने आगे बताया कि मंत्री के नेतृत्व वाली टीम के इस सप्ताह के अंत में अमेरिका से लौटने की उम्मीद है.
यह यात्रा हाल ही में नई दिल्ली में अमेरिकी मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच और अग्रवाल के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हुई एक दिवसीय चर्चा के बाद हो रही है. 16 सितंबर को, वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर दौरे पर आई अमेरिकी टीम के साथ दिन भर की चर्चा सकारात्मक रही.
भारत और अमेरिका के बीच किन बातों पर चर्चा अमेरिका में हो रही बैठक में भारत और यूएस के बीच सबसे पहले टैरिफ को लेकर चर्चा होनी है, जिसमें भारत, अमेरिका से 50 फीसदी टैरिफ को कम कराने की कोशिश करेगा. वहीं अमेरिका चाहेगा कि भारत एग्री और डेयरी पर समझौता कर ले. पिछले दिनों रिपोर्ट्स में खुलासा किया गया था कि अमेरिका जल्द टैरिफ को 10 फीसदी तक कर सकता है. हालांकि इसपर अभी तक किसी का अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
रूसी तेल को लेकर फंस सकता है मामला अमेरिका भारत पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ रूसी तेल खरीद के कारण लगाया है, जिसे भारत हटवाना चाहता है. ऐसे में अमेरिका पूरा दबाव बनाने की कोशिश करेगा कि भारत रूसी तेल ना खरीदे, बल्कि उसका महंगा तेल खरीदे. हालांकि भारत अभी तक अपनी बात पर अडिग है.
H-1B वीजा का मामला हाल ही में ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा पर फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया, जिससे सबसे ज्यादा भारतीय कामगर प्रभावित हुए हैं. H-1B वीजा फीस 1 लाख डॉलर का मतलब, नए एच-वनबी वीजा आवेदन के लिए अब करीब 88 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. व्यापार वार्ता में इस मुद्दे पर भी बातचीत हो सकती है और भारत इसकी फीस कम करने के लिए बोल सकता है.













