
OTT में भी जगह नहीं बना पाई 'हीरोइन'! बॉलीवुड की तरह यहां भी मर्द हावी, डेटा क्या कहता है?
AajTak
ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.
भारत में जब OTT प्लेटफॉर्म्स आया तो लगा कि जैसे अब बहुत कुछ बदल जाएगा. यहां कहानियां नई होंगी, फार्मेट अलग होगा और किरदार में ज्यादा परतें होंगी, इसे शुरुआत से बताया भी गया कि ये बॉलीवुड के ट्रेडिशनल पैटर्न से एकदम जुदा होने वाला है. मगर अफसोस, जेंडर के मामले में यहां भी तस्वीर कमोबेश बॉलीवुड जैसी ही है.
पुरुष प्रधान सिनेमा की पैरोकारी कर रहे बॉलीवुड की तर्ज पर OTT पर भी नायिकाओं को कहानी का केंद्र बहुत कम बार बनाया जाता है. यहां भी ज्यादातर शो में महिलाएं ग्लैमर, इमोशन या सपोर्ट की भूमिका निभाती हैं, जबकि कहानी का असली बोझ पुरुष किरदारों पर रहता है.
साल दर साल कम हो रहे फीमेल लीड्स वाले शो
इसी पैटर्न को हालिया डेटा भी मजबूत करता है. Ormax Media की रिपोर्ट बताती है कि 2022 से 2025 तक हिंदी स्ट्रीमिंग ऑरिजिनल्स में पुरुष-प्रधान शो लगातार बढ़ते गए, जबकि महिला लीड वाले टाइटल कम होते रहे. डेटा पर नजर डालें तो ओटीटी पर 2022 में 39% शो पुरुष लीड वाले थे और महज 27% महिला लीड वाले रहे. वहीं साल 2023 में ये अंतर और बढ़ गया, अब 43% पुरुष लीड बनाम 24% महिला लीड शो नजर आए.
फिर साल 2024 में पुरुष लीड वाले टाइटल 51% तक पहुंच गए, जबकि महिला लीड सिर्फ 20% रह गईं. ये विडंबना ही है कि साल 2025 में ये अंतर सबसे बड़ा हो गया. साल 2025 में 55% पुरुष लीड और सिर्फ 16% महिला लीड वाले शोज बने. हां, राहत की बात ये रही कि 29% शो ऐसे थे जिनमें दोनों जेंडर को बराबर स्पेस मिला.
एक्शन, क्राइम और थ्रिलर यानी ACT कैटेगरी में ये रुझान सबसे ज्यादा साफ दिखता है. 2025 में इस जॉनर के करीब 58% शो पुरुष-प्रधान रहे. ओटीटी पर पुलिस अधिकारी, गैंगस्टर, ठग जैसे किरदार कहानी को चलाते हैं. इन भूमिकाओं में महिलाओं को अभी भी कम ही जगह मिलती है.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.

सेलेब्रिटी कॉस्ट्यूम डिजाइनर एश्ले रेबेलो ने ऐश्वर्या राय बच्चन और सलमान खान पर होने वाली ट्रोलिंग को गलत बताया. उन्होंने कहा कि ऐश्वर्या एक ग्लोबल स्टार हैं और उन्हें अच्छे से पता है कि उन्हें क्या पहनना है. वहीं सलमान के बारे में उन्होंने कहा कि एक्टर सिर्फ अपनी सहूलियत पसंद करते हैं और बेहद अच्छे इंसान हैं.











