
'हिंदू हो या मुस्लिम, कुरान पढ़ी है?', आतंकी ने पूछे सवाल, पहलगाम से लौटी मॉडल का खुलासा
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मॉडल एकता तिवारी के मुताबिक, आतंकियों का स्केच देखकर वह चौंक गई थीं. उन्होंने तुरंत सीएम हेल्पलाइन 1076 पर कॉल कर पूरी घटना की जानकारी दे दी है. एकता ने कहा कि उन्हें खच्चर पर ले जाने वाले दोनों लोगों की तस्वीर आतंकियों के स्केच से पूरी तरह मिल रही है.
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल की दोपहर हुए आतंकी हमले ने देशभर को हिलाकर रख दिया है. अब इस आतंकी हमले को लेकर जौनपुर की एकता तिवारी नाम की मॉडल ने बड़ा खुलासा कर दिया है. पहलगाम से वापस लौटीं मॉडल एकता तिवारी ने दावा किया है कि जिन आतंकियों का स्केच सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया है, उनमें से दो खच्चर वाले हैं. एकता का कहना है कि इन्हीं दोनों के साथ वह पहलगाम गई थीं, जहां दोनों ने उनके साथ बदसलूकी भी की. एकता तिवारी के मुताबिक उन्हें इन खच्चरवालों की हरकतें संदिग्ध लगी थीं, इसलिए उन्होंने इनका वीडियो बना लिया था. अब आतंकियों का स्केच देखने के बाद उन्हें पता चला कि वह मौत के मुंह में से निकलकर आई हैं.
एकता तिवारी के मुताबिक, आतंकियों का स्केच देखकर वह चौंक गई थीं. उन्होंने तुरंत सीएम हेल्पलाइन 1076 पर कॉल कर पूरी घटना की जानकारी दे दी है. एकता ने कहा कि उन्हें खच्चर पर ले जाने वाले दोनों लोगों की तस्वीर आतंकियों के स्केच से पूरी तरह मिल रही है. इन आतंकियों ने कुरान न पढ़ने और रुद्राक्ष की माला पहनने को लेकर एकता के साथ बदसलूकी की थी. इस संबंध में एकता ने CISF में तैनात अपने रिश्तेदार को सूचित कर दिया था. एकता के मुताबिक, दोनों में से एक खच्चरवाले ने जूते में कीपैड वाला फोन छिपाया हुआ था, जिसके जरिए वो लगातार किसी के कॉन्टैक्ट में था. एकता ने उसे प्लान ए के फेल होने पर प्लान बी को चलाने और बंदूकों के बारे में बातें करते सुना था.
अपने साथ ले जाना चाहते थे आतंकी
सोशल मीडिया पर एकता तिवारी का बनाया वीडियो वायरल हो रहा है. इस बीच न्यूज 18 से बात करते हुए एकता तिवारी ने कहा कि घटना वाली जगह उन्हें खच्चर चालक के रूप में आतंकी अपने साथ ले जाना चाहते थे, लेकिन वो नहीं गईं. आतंकियों ने बार-बार धर्म के बारे में उनसे सवाल भी किए. इस दौरान इन आतंकियों ने उनका और उनके भाई का धर्म पूछा और कुरान न पढ़े होने और रुद्राक्ष पहनने को लेकर उनके साथ बदसलूकी की.
परिवार संग पहलगाम पहुंची थीं एकता
एकता तिवारी ने बताया कि 13 अप्रैल को वो अपने परिवार और दोस्तों के साथ मां वैष्णो देवी यात्रा पर निकली थी. यहां से 16 अप्रैल को वो अपने ग्रुप के साथ सोनमर्ग, श्रीनगर की ओर निकल गईं और 20 अप्रैल को वह पहलगाम पहुंची थीं. एकता के साथ उनके पति, दो बच्चे, भाई के अलावा दोस्तों सहित कुल बीस लोग थे. एकता ने बताया कि उन्होंने पहलगाम के लिए एक खच्चरवाले से बात की थी, लेकिन शख्स ने खुद न जाकर, उसने दूसरे खच्चरवालों को एकता के साथ भेज दिया था.













