
लेस्बियन है स्त्री? डायरेक्टर ने बदली कहानी, वरना श्रद्धा कपूर इस हीरोइन के प्यार में पड़तीं
AajTak
डायरेक्टर आदित्य सरपोतदार ने खुलासा किया कि पिछले साल की ब्लॉकबस्टर मूवी 'मुंज्या' में बतौर डायरेक्टर शामिल होने के बाद उन्होंने श्रद्धा कपूर को बिट्टू के रूप में कास्ट करने के शुरुआती आइडिया को रोक कर दिया. श्रद्धा, MHCU में स्त्री की बेटी का किरदार निभाती हैं.
आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की फिल्म 'थामा' के डायरेक्टर आदित्य सरपोतदार ने शायद एक ऐसी कहानी बदलाव को रोक दिया, जो दिनेश विजन और अमर कौशिक के मैडॉक हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स (MHCU) को जटिल बना सकता था. उन्होंने खुलासा किया कि पिछले साल की ब्लॉकबस्टर मूवी 'मुंज्या' में बतौर डायरेक्टर शामिल होने के बाद उन्होंने श्रद्धा कपूर को बिट्टू के रूप में कास्ट करने के शुरुआती आइडिया को रोक कर दिया. श्रद्धा, MHCU में स्त्री की बेटी का किरदार निभाती हैं.
लेस्बियन है स्त्री?
सरपोतदार ने कहा, 'ये ओरिजिनल कहानी थी. लेखक योगेश चंदेकर ने इस फिल्म को एक महिला के नजरिए और महिला मुख्य किरदार के साथ लिखा था. उस वक्त बिट्टू एक लड़की थी. वो अपनी बेस्ट फ्रेंड से प्यार करती है. वो लेस्बियन है. कोई उसे समझता नहीं. सिर्फ राज्जी उसे समझती है. वो राज्जी से कहती है, 'मैं अपनी बेस्ट फ्रेंड से प्यार करती हूं, कोई इसे समझेगा नहीं.' और फिर मुंज्या की एंट्री होती है और वो उसकी बेस्ट फ्रेंड की रक्षा करता है.'
उन्होंने बताया कि शुरुआत में बिट्टू के रोल के लिए श्रद्धा कपूर और आलिया भट्ट दोनों से संपर्क किया गया था. इससे पहले कि श्रद्धा को फाइनल किया जाए, श्रद्धा ने 'मुंज्या' के लिए लुक टेस्ट भी किया था. लेकिन आदित्य सरपोतदार के शामिल होने के बाद चीजें बदल गईं. डायरेक्टर ने मूवीफाइड से बातचीत में कहा, 'मैं हमेशा मानता हूं कि फिल्म का कोर हार्ट और कोर नैरेटिव हमेशा एक ही होना चाहिए, बहुत सारे नहीं. दर्शक ज्यादा चीजें नहीं समझते, वो सिर्फ एक पर फोकस करते हैं, और वही वो चाहते हैं.'
डायरेक्टर ने बदल डाली कहानी
आदित्य सरपोतदार को लगा कि 'मुंज्या' का नैरेटिव उनके लिए काम नहीं कर रहा. उन्हें लगा कि 'मुंज्या' के आर्क को एक पुरुष बिट्टू से तुलना करना बेहतर होगा, दोनों ही खुद से छह साल बड़ी महिलाओं से प्यार करते हैं, लेकिन उनका अप्रोच अलग है. जहां एक (मुंज्या) हताश होकर हिंसक हो जाता है, वहीं दूसरा (बिट्टू) अपनी मोहब्बत के लिए सब कुछ कुर्बान करने को तैयार है. उन्होंने बताया, 'फिर मैंने सुझाव दिया कि क्या हम ऐसा कर सकते हैं? और प्रोड्यूसर ने कहा, 'चलो करते हैं.' इसके बाद पूरा नजरिया और पूरा गेम बदल गया.'

आशका गोराडिया ने 2002 में एक यंग टेलीविजन एक्टर के रूप में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा था. 16 साल बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया. इसका कारण थकान नहीं, बल्कि एक विजन था. कभी भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार किरदार निभाने वाली आशका आज 1,800 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनी की कमान संभाल रही हैं.












