
'राकेश रोशन को लौटाए जाएं 20 लाख रुपए', बॉम्बे हाईकोर्ट का निचली अदालत को निर्देश
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30 अक्टूबर 2012 को राकेश रोशन ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने 50 लाख रुपये वापस मांगे. 2014 में ट्रायल कोर्ट ने राकेश रोशन को 30 लाख रुपये निकालने की अनुमति दी. लेकिन अदालत ने 20 लाख रुपये देने से इनकार कर दिया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट से फिल्म निर्माता राकेश रोशन को राहत मिली है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि साल 2011 में राकेश रोशन से 2 आरोपियों द्वारा जो 50 लाख रुपए ठगे गए थे, उसमें से 20 लाख रुपए वापस किए जाएं. मई 2011 में राकेश रोशन को 2 आरोपियों का फोन आया था, जिन्होंने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया और उनसे 50 लाख रुपये की ठगी की. इस अमाउंट का भुगतान 13 जून 2011 को किया गया था और उसके बाद दोनों पक्षों की ओर से चुप्पी साध ली गई.
इस घटना के कुछ समय बाद जब राकेश रोशन को संदेह हुआ तो उन्होंने महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को एक लिखित शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद एसीबी ने हरियाणा निवासी अश्विनी शर्मा और मुंबई निवासी राजेश रंजन को अरेस्ट कर लिया था. पूछताछ में एसीबी को पता चला कि दोनों आरोपियों ने इसी तर्ज पर दूसरे फिल्मी सितारों को भी धोखा दिया था. जांच के दौरान नवी मुंबई, हरियाणा और डलहौजी में कई प्रॉपर्टीज और गोल्ड के साथ ही 2.94 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.
30 अक्टूबर 2012 को राकेश रोशन ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने 50 लाख रुपये वापस मांगे. 2014 में ट्रायल कोर्ट ने राकेश रोशन को 30 लाख रुपये निकालने की अनुमति दी. चूंकि अदालत ने 20 लाख रुपये देने से इनकार कर दिया था, इसके बाद राकेश रोशन ने अपने वकील प्रसन्ना भंगाले के जरिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
भांगले ने बताया कि यह सीबीआई का मामला था कि 2 आरोपियों ने रोशन से जो 50 लाख रुपये ठगे थे, उनमें से एक आरोपी ने 20 लाख रुपये लिए, जबकि दूसरे ने 30 लाख रुपये. 20 लाख रुपये लेने वाले आरोपी ने पहले ही ट्रायल कोर्ट में राकेश रोशन को पैसे सौंपने पर अनापत्ति दे दी थी, जबकि दूसरे ने इसे चुनौती दी थी. भंगाले ने तर्क दिया कि इसके बावजूद, अदालत ने राकेश रोशन को 30 लाख रुपये सौंप दिए थे, इसलिए शेष राशि को रोकने का कोई कारण नहीं था.
हाईकोर्ट ने अन्य आरोपियों को कई समन जारी किए थे, जिन्होंने राकेश रोशन को पैसे सौंपने पर सहमति नहीं दी थी, लेकिन अदालत को सूचित किया गया कि दिव्यांगता के कारण वह अदालत नहीं आया. जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच ने गुरुवार को आदेश सुनाते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा आंशिक रूप से राशि सौंपने का कोई कारण नहीं था, साथ ही निर्देश दिया कि पूरी राशि फिल्म निर्माता राकेश रोशन को दी जाए.

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