मप्र विधानसभा में अब विधायक नहीं बोलेंगे ‘पप्पू’, ‘मिस्टर बंटाधार’ और ’ससुर’ जैसे शब्द
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विधायकों को असंसदीय भाषा से बचने के लिए विधानसभा ने ‘असंसदीय शब्द और वाक्यांश संग्रह’ नाम से 38 पृष्ठों की एक किताब का विमोचन किया है , जिसमें 1,161 असंसदीय शब्दों और वाक्याशों का संग्रह है, जो वर्ष 1954 से लेकर अब तक विधानसभा के रिकॉर्ड से हटाये गए हैं.
भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने विधायकों को सदन में असंसदीय भाषा से बचने के लिए ‘असंसदीय शब्द और वाक्यांश संग्रह’ पुस्तक का प्रकाशन और इतवार को इसका विमोचन किया. इसका मकसद यह है कि विधायक इस किताब को पढ़े और समझे ताकि सदन की गरिमा बने रहे और सदस्यों के जरिए कहे गए ऐसे शब्दों को बार-बार कार्यवाही से हटाना न पड़े. सोमवार से शुरु होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा के चार रोजा मानसून सत्र के एक दिन पहले प्रदेश विधानसभा ने 38 पेजों की इस पुस्तक का विमोचन किया. इस पुस्तक को विमोचन इतवार को यहां विधानसभा में वाके मानसरोवर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, प्रदेश के गृह और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश के पूर्व संसदीय कार्य मंत्री व प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह ने किया. मध्य प्रदेश में वर्ष 1993 से 2003 तक कांग्रेस की सरकार थी, जबकि वर्ष 2003 से 2018 के बीच भाजपा का शासन था. शब्दों का चयन ऐसा होना चाहिए, जिससे कोई आहत न हो इस अवसर पर मुख्यमंत्री चैहान ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति, संस्कार, जीवन मूल्य और शिष्टता यह कहती है कि शब्दों का माकूल चयन होना जरूरी है. संसद और विधानसभा में विभिन्न मुद्दों को पेश करते वक्त कभी-कभी क्रोध, आवेश या आक्रोश में ऐसे शब्द निकल जाते हैं, जो सामान्य शिष्टाचार की परिधि के बाहर होते हैं. शब्दों का चयन ऐसा होना चाहिए, जिससे कोई आहत न हो.’’ उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभा प्रजातंत्र के मंदिर हैं. यहाँ सदस्यों को अपनी बात रखने का अधिकार है. संसद में अटल बिहारी वाजपेयी, इंद्रजीत गुप्त, सोमनाथ चटर्जी जैसे सांसदों की समृद्ध परम्परा रही है. ‘असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह’ पुस्तक का प्रकाशन अभिनंदनीय प्रयास है. इससे विधायकों और सदन की गरिमा बढ़ेगी. यह पुस्तक सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होगी.’’Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.