
भारतीय सिनेमा कैसे जीत सकता है दुनिया? शेखर कपूर ने बताया तरीका
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शेखर कपूर ने इवेंट में टेक्नॉलजी के अपडेशन की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि इंडस्ट्री को स्टोरी बताने के नए तरीकों की खोज करनी चाहिए. शेखर कपूर ने कहा- अगर भारत सिनेमा को बतौर सॉफ्ट पावर यूज करें तो हमें दुनियाभर की आने वाली जनरेशन के दिमाग और दिलों को जीतना होगा.
जाने माने फिल्ममेकर शेखर कपूर ने सिनेमा को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने सिनेमा की ताकत का अंदाजा दिलाया है. डायरेक्टर का कहना है कि वक्त आ गया है कि भारत को अगर ग्लोबली आने वाली पीढ़ी के दिल और दिमाग को जीतना है तो उसे सिनेमा को अपनी सॉफ्ट पावर के रूप पर इस्तेमाल करना होगा.
मासूम, मिस्टर इंडिया और बैंडिट क्वीन जैसी फिल्में बनाने वाले शेखर कपूर का कहना है कि भारत और चीन दो ऐसे देश हैं जो अपनी सॉफ्ट पावर को विकसित कर दुनिया से सबसे बड़े इंफ्लूएंसर बन सकते हैं. वे कहते हैं- मेरी युवावस्था के दौरान वो समय था जब मैं अमेरिकियों की तरह बनना चाहता था. ये अमेरिकन मीडिया के प्रभाव के कारण हुआ था. अब हमारी बारी है. एशिया बढ़ रहा है और भारत-चीन दो राज्य हैं जो दुनिया में प्रभावशाली बनने लिए अपनी ताकत विकसित कर सकते हैं. चीन इसे हासिल करने की पूरी तैयारी कर रहा है.
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मंगलवार को शेखर कपूर इंडियन सिनेमा और सॉफ्ट पावर नाम पर रखी गई नेशनल सेमिनार को अटेंड करने पहुंचे थे. इसे इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (lCCR) ने ऑर्गनाइज किया था. कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और ICCR के प्रेसिडेंट विनय Sahasrabuddhe मौजूद थे.
शेखर कपूर का टेक्नॉलजी के अपडेशन पर जोर
शेखर कपूर ने इवेंट में टेक्नॉलजी के अपडेशन की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि इंडस्ट्री को स्टोरी बताने के नए तरीकों की खोज करनी चाहिए. शेखर कपूर ने कहा- अगर भारत सिनेमा को बतौर सॉफ्ट पावर यूज करें तो हमें दुनियाभर की आने वाली जनरेशन के दिमाग और दिलों को जीतना होगा. हमें अपनी कहानियां गेमिंग जैसी लेटेस्ट टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर पॉपुलर मीडिया के जरिए बतानी होगी. मैं ऐसी गेमिंग देखना चाहता हूं जहां इंडियन कैरेक्टर्स को इंडियन कॉस्ट्यूम में देखा जाए.

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