न नियम बने, न नागरिकता मिली... लेकिन बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है सीएए
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राहुल गांधी ने रविवार को असम में विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की. इस दौरान राहुल ने कहा कि अवैध घुसपैठ एक मुद्दा है, लेकिन असम के लोगों में वो क्षमता है कि इस मुद्दे को वो खुद सुलझा सकते हैं. साथ ही कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए सीएए नहीं होने देंगे. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी कहा कि सीएए को हम अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे.
देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में नागरिकता कानून (सीएए) मुद्दा अहम बनता नजर आ रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को असम में विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की. इस दौरान राहुल ने कहा कि अवैध घुसपैठ एक मुद्दा है, लेकिन असम के लोगों में वो क्षमता है कि इस मुद्दे को वो खुद सुलझा सकते हैं. साथ ही कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए सीएए नहीं होने देंगे. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी कहा कि सीएए को हम अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे. बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने बीते साल 11 दिसंबर को नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पास करा लिया था. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से ये कानून भी बन गया. हालांकि, एक साल बाद भी इस कानून को अमलीजामा पहनाने के नियम सरकार नहीं बना पाई है. अब जबकि असम और पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है तो सीएए मुद्दे पर सियासत भी गर्मा गई है. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे को अपनी-अपनी तरह से चुनावी हथियार बनाने में जुटे हैं.कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक बयान में कहा है कि पिछले 4 वर्षों से खबरें आ रही हैं कि चीन भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहा है. सरकार इन मुद्दों पर स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही है, जिससे संदेह पैदा हो रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा सब कुछ छुपाने की कोशिश में रहते हैं. इसका परिणाम यह है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों देशों के बीच क्या समझौता हुआ है. इस स्थिति ने कई लोगों को चिंतित कर दिया है.