
'दहाड़' का आनंद स्वर्णकर है 'सायनाइड मोहन', जिसने 20 लड़कियां संग बनाए रिश्ते फिर उतारा मौत के घाट
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सीरीज 'दहाड़' में विजय वर्मा का खूंखार और निर्दयी सीरियल किलर अवतार आनंद स्वर्णकर एक असल जिंदगी के दरिंदे से प्रेरित है. वो और कोई नहीं बल्कि सीरियल किलर सायनाइड मोहन है. जैसे सीरीज में आनंद 20 महिलाओं का मर्डर करता है वैसे ही सायनाइड मोहन ने भी असल जिंदगी में 20 महिलाओं का मर्डर किया था.
सोनाक्षी सिंह और विजय वर्मा स्टारर वेब सीरीज 'दहाड़' को खूब तारीफें मिल रही हैं. इस सीरीज में विजय ने आनंद स्वर्णकर नाम के सीरियल किलर का रोल निभाया है. इस अवतार में उन्हें पहली बार देखा गया और दर्शकों को एक्टर का काम काफी पसंद भी आ रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि विजय वर्मा का ये किरदार असल जिंदगी के सीरियल किलर पर आधारित है?
जी हां, विजय वर्मा का खूंखार और निर्दयी सीरियल किलर अवतार आनंद स्वर्णकर एक असल जिंदगी के दरिंदे से प्रेरित है. वो और कोई नहीं बल्कि सीरियल किलर सायनाइड मोहन है. जैसे सीरीज में आनंद 20 महिलाओं का मर्डर करता है वैसे ही सायनाइड मोहन ने भी असल जिंदगी में 20 महिलाओं का बलात्कार और मर्डर किया था.
कौन है सायनाइड मोहन?
सायनाइड मोहन का असली नाम मोहन कुमार विवेकानंद है. वो पेशे से एक टीचर हुआ करता था. वो प्राइमेरी स्कूल के बच्चों को फिजिकल एजुकेशन पढ़ाता था. उसने 2003 से 2009 के बीच कर्नाटक की 20 महिलाओं की हत्या की थी. वो गरीब घर की 20 से 30 साल की लड़कियों को टारगेट करता था. लड़कियों को प्यार का झांसा देकर मोहन उन्हें शादी के लिए मनाता था. शादी करने के बाद वो इन लड़कियों के साथ होटल में एक रात बिताता. अगली सुबह वो लड़कियों को गर्भनिरोधक गोली देकर कहता कि उन्हें प्रेग्नेंसी से बचने के लिए इन्हें खाना होगा. लेकिन उन गोलियों में असल में सायनाइड होता था, जिसे खाकर लड़कियों की मौत हुई.
इसी तरह से उसका नाम सायनाइड मोहन पड़ा. अलग-अलग बस स्टैंड के पब्लिक टॉयलेट में 20 लड़कियों को मृत पाया गया था. ये लड़कियां अपनी शादी के जोड़े में थीं और शरीर पर एक भी जेवर नहीं था. ऐसा ही कुछ दहाड़ सीरीज में विजय वर्मा का किरदार भी करता है. विजय का किरदार आनंद भी लड़कियों के कॉलेज में हिंदी पढ़ाता है. लड़कियों को अपने प्यार के साल में फंसा कर सायनाइड वाली गोली खिलाकर उनकी जान लेता है. फर्क सिर्फ इतना है कि फिल्म की कहानी राजस्थान में बेस्ड है और असली घटना कर्नाटक की है.
मोहन कुमार को साल 2009 के अक्टूबर में मंगलुरु के एक गांव से पकड़ा गया था. वो बेलगावी में हिंडाल्गा सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. उसे चार हत्या के मामलों में मौत की सजा और 15 मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. साल 2020 में मोहन को कसारगोद की एक 25 साल की लड़की के बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था. ये उसके खिलाफ दर्ज हुए 20 मामलों में से आखिरी मामला था.













