
जुबिन गर्ग के मैनेजर-इवेंट ऑर्गेनाइजर को पुलिस ने पकड़ा, सिंगर की मौत को लेकर होगी पूछताछ
AajTak
सिंगर जुबिन गर्ग की मौत के मामले में अब नई जानकारी सामने आई है. सिंगर के मैनेजर और नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से सिंगर की मौत के मामले में पूछताछ की जाएगी.
असम के फेमस सिंगर जुबिन गर्ग की मौत की मिस्ट्री पर सस्पेंस बरकरार है. सिंगर की मौत की वजह सामने लाने के लिए बारीकी से जांच की जा रही है. अब इस मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. पुलिस ने बुधवार को नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत और जुबिन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा को उनकी मौत से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया है.
सिंगर के मैनेजर को पकड़ा गया
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत को सिंगापुर से लौटने के तुरंत बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर लगभग आधी रात को गिरफ्तार किया गया. वहीं, दूसरी ओर जुबिन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा को गुरुग्राम के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक, सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकानु महंत दोनों को ही गुवाहाटी ले जाया गया है.
लुकआउट नोटिस हुए थे जारी
बता दें कि पिछले हफ्ते दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए गए थे. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि श्यामकानु महंत और मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा दोनों को 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में जांच टीम के सामने अपने बयान दर्ज कराने होंगे. इसी सिलसिले में उन दोनों को गिरफ्तार करके गुवाहाटी ले जाया गया है.
असम सरकार ने जुबिन गर्ग की मौत की जांच के लिए विशेष पुलिस महानिदेशक (DGP) एमपी गुप्ता की अध्यक्षता में 10 लोगों की एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है. एसआईटी ने इससे पहले शर्मा के गुवाहाटी स्थित घर की तलाशी ली थी. ये तलाशी अभियान करीब दो घंटे तक चला था. इस दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए थे.

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










