खुद सनी देओल के लिए मुश्किल है 'गदर' की बराबरी करना, कहानी से ज्यादा नॉस्टेल्जिया के भरोसे है सीक्वल!
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'गदर 2' इस शुक्रवार थिएटर्स में रिलीज हो रही है. फिल्म को लेकर जनता में जोरदार माहौल है. धुआंधार एडवांस बुकिंग और माहौल देखते हुए लोग कहने लगे हैं कि ये 'गदर' जैसी सक्सेस लेकर आएगी. लेकिन सनी देओल के करियर ही नहीं, इंडियन सिनेमा में 'गदर' ऐसी फिल्म है जिसकी कामयाबी दोहरा पाना बहुत मुश्किल है. आइए बताते हैं क्यों.
सनी देओल की 'गदर 2' आखिरकार थिएटर्स में रिलीज होने जा रही है और इसकी एडवांस बुकिंग सारी उम्मीदों से कहीं ज्यादा जोरदार चल रही है. आने वाला शुक्रवार थिएटर्स में जोरदार धमाका करने वाला है इसका अंदाजा तो अब सभी को लगने लगा है. अब चर्चा का पॉइंट इस तरफ शिफ्ट हो गया है कि ये धमाका कितना बड़ा होने वाला है?
रिपोर्ट्स बताती हैं क रिलीज से दो दिन पहले ही, फिल्म के दो लाख से ज्यादा टिकट एडवांस में बुक हो चुके हैं. इन दो दिनों में एडवांस बुकिंग और भी जोरदार होगी. सिंगल स्क्रीन्स पर सनी देओल का जादू हमेशा से चलता आया है. ऊपर से ये एक ऐसी फिल्म का सीक्वल है जिसने नाम इंडियन सिनेमा के कई बड़े-बड़े रिकॉर्ड हैं. 'गदर 2' के लिए एक्साइटेड होने के जनता के पास भरपूर कारण हैं. और इसी एक्साइटमेंट में माहौल ऐसा हो गया है कि लोगों को लगने लगा है जैसे 'गदर 2' उस तरह का कमल करने वाली है, जैसा 'गदर' ने 2001 में किया था.
'गदर 2' का माहौल यकीनन बहुत जोरदार है, लेकिन 22 साल पहले आई 'गदर' की कामयाबी ऐसी थी जिसकी बराबरी शायद अब खुद सनी देओल के लिए भी संभव नहीं है. 'गदर' की कामयाबी में कई ऐसे फैक्टर थे, जिन्होंने सनी की फिल्म को अल्टीमेट ब्लॉकबस्टर बना दिया था.
पाकिस्तान को सबक सिखाने वाला हीरो सनी देओल की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक 'बॉर्डर' 1997 में रिलीज हुई थी. मेजर कुलदीप सिंह के रोल में सनी ने ऐसी परफॉरमेंस दी, जो आजतक लोगों के दिमाग पर छपी हुई है. 2001 में जब 'गदर' रिलीज हुई, तब ये इमेज जनता में दिमाग में बहुत ताजा थी. दोनों फिल्मों के बीच देश पाकिस्तान के साथ एक और जंग लड़ चुका था. 1999 में कारगिल युद्ध में भारत की जीत हुई और एंटी-पाकिस्तान सेंटिमेंट अगले कुछ साल चरम पर था. इस मूड में जनता को मिला 'गदर' का तारा सिंह, जो अपनी प्रेमिका के लिए पाकिस्तान तक घुस गया और अकेला ही तबाही मचा आया. ये समझना बहुत आसान है कि उस समय थिएटर्स में फिल्म देख रहे दर्शकों की एक्साइटमेंट का क्या लेवल रहा होगा.
करियर के शिखर पर सनी 'गदर' से थोड़ा पीछे चलते हैं. 1996 में सनी 4 फिल्मों में नजर आए- हिम्मत, जीत, घातक और अजय. चारों फिल्मों ने थिएटर्स में जमकर कमाई की. बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड के साथ-साथ सनी को बेस्ट एक्टर के अवार्ड भी मिले. 1997 में 'जिद्दी' और 'बॉर्डर' ने सनी को कामयाबी के शिखर पर पहुंचा दिया. 1998 में 'सलाखें' बड़ी हिट बनी.
अगले दो साल सनी की फिल्में बड़ी हिट तो नहीं रहीं, पर उनके 'अर्जुन पंडित' जैसे किरदारों की अपनी अलग फॉलोइंग बनी रही. 2001 में 'फर्ज' ने फिर सनी को बड़ी बॉक्स ऑफिस कामयाबी दिलाई. और इसी साल आई 'गदर'. मतलब, वो सनी के करियर का एकदम टॉप दौर था. सनी के एक्शन का अपना तगड़ा फैनबेस था, जो उनकी फ्लॉप फिल्मों में भी, उनके किरदार से इम्प्रेस होकर लौटता था.